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आरबीआई की सख्ती ने Debt funds की चिंता बढ़ाई

कुछ फंड प्रबंधक बेहतर मांग और दर वृद्धि चक्र समाप्त होने की वजह से लंबी अव​धि के सरकारी बॉन्डों पर उत्साहित हैं।

Last Updated- October 10, 2023 | 10:38 PM IST
Debt funds to be attractive in 2023 on higher portfolio returns

शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा अपनाई गई सख्ती के बाद डेट फंड प्रबंधक अपनी रणनीतियों का पुन: आकलन कर रहे हैं। जहां कई डेट फंड प्रबंधक केंद्रीय बैंक की ओपन मार्केट परिचालन (ओएमओ) संबं​धित घोषणाओं पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया देने से परहेज कर रहे हैं, वहीं वे अपनी योजनाओं की अव​धि पर पुनर्विचार कर रहे हैं।

डीएसपी म्युचुअल फंड में फिक्स्ड इनकम के प्रमुख संदीप यादव ने कहा कि उन्होंने आरबीआई द्वारा अपनाए गए सख्त रुख को देखते हुए कुछ योजनाओं की अव​धि घटाई है।

उन्होंने कहा, ‘जब हालात नियंत्रण में नहीं हों तो जो​खिम घटाना ही समझदारी होती है। हाल में आई आरबीआई की मौद्रिक नीति ने बाजारों को आश्चर्य में डाल दिया है। हमने अपनी कुछ योजनाओं की अव​धि घटाई है। हालांकि हम अभी तेजी की धारणा पर कायम रहेंगे और अपने मजबूत बॉन्ड फंड पोर्टफोलियो में मध्याव​धि का नजरिया बरकरार रखेंगे।’

मध्याव​​धि-दीर्घाव​धि में कई डेट फंड श्रे​णियों ने शुक्रवार को अपनी एनएवी में गिरावट दर्ज की। आरबीआई की घोषणा से प्रतिफल में वृद्धि होने के बाद इन श्रे​णियों की एनएवी पर दबाव देखा गया।

गिल्ट और डायनेमिक बॉन्ड फंड श्रे​णियों में कुछ श्रे​णियों ने शुक्रवार को 0.9 प्रतिशत तक की बड़ी गिरावट दर्ज की। कई फंड प्रबंधक इस घटनाक्रम को अस्थायी मान रहे हैं और काफी हद तक अपरिवर्तित रणनीति के साथ बने रहना चाहते हैं।

बंधन एएमसी में प्रमुख (फिक्स्ड इनकम) सुयश चौधरी ने कहा, ‘मौजूदा घटनाक्रम ने हमारे ऐ​क्टिव ड्यूरेशन फंडों में 9-14 वर्षीय बॉन्डों में ओवरवेट पोजीशन के लिए अल्पाव​धि चुनौती पैदा की है। हमने अब तक अ​धिक अनुकूल मांग-आपूर्ति हालात पर ध्यान दिया था। हालांकि अब आरआई सरकारी बॉन्डों का नया आपूर्तिकर्ता बनकर उभरा है।’

हालांकि चौधरी इस आधार पर अपनी रणनीति को जारी रखना पसंद करेंगे कि ओएमओ से सरकारी बॉन्ड की मांग-आपूर्ति की ​स्थिति में गिरावट की संभावना नहीं है।

डेट फंड प्रबंधकों का अव​धि को लेकर नजरिया उनके डायनेमिक बॉन्ड फंड पोर्टफोलियो से स्पष्ट हुआ है। कई अन्य योजनाओं में, उनके पास अव​धि पर दांव लगाने की सीमित गुंजाइश होती है। अगस्त के अंत में, 29 में से 6 योजनाओं की औसत पोर्टफोलियो परिपक्वता सात साल की थी। शेष में, 11 में औसत परिपक्वता पांच से सात साल के बीच थी।

कुछ फंड प्रबंधक बेहतर मांग और दर वृद्धि चक्र समाप्त होने की वजह से लंबी अव​धि के सरकारी बॉन्डों पर उत्साहित हैं। यादव ने कहा कि लंबी अव​धि के पत्र (30-40 साल) मांग-आपूर्ति के नजरिये से आकर्षक दिखते हैं।

First Published - October 10, 2023 | 10:38 PM IST

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