पंजाब ऐंड सिंध बैंक ने वित्त वर्ष 23 में शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) के संबंध में अपना अनुमान पहले वाले 2.90 प्रतिशत के अनुमान से बढ़ाकर 2.95 से 3.0 प्रतिशत तक कर दिया है। तीसरी तिमाही में 3.12 प्रतिशत के बेहतर मार्जिन और वृद्धि की संभावनाओं के कारण ऐसा हुआ है।
दिल्ली स्थित सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने स्लिपेज अनुपात के मामले में वित्त वर्ष 23 के अनुमानों को कम किया है। यह वह दर होती है, जिस पर ऋण खाते फंसा हुआ ऋण बन जाते हैं। इस दर को पहले के 1.5 प्रतिशत से घटाकर 1.0 प्रतिशत कर दिया गया है। इसकी सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (जीएनपीए) दिसंबर 2022 में गिरकर 8.36 प्रतिशत रह गई है, जो एक साल पहले 14.44 प्रतिशत थी। बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी एसके साहा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि ऋणदाता आला बैंक की छवि बनाने का प्रयास कर रहा है। साहा ने कहा कि पिछली पांच तिमाहियों के दौरन प्रदर्शन में सुधार हुआ है। इससे बैंक को अनुमान में इजाफा करने का भरोसा मिला है।
31 दिसंबर, 2022 तक सालाना आधार पर 16.54 प्रतिशत (77,745 करोड़ रुपये) की अधिक क्रेडिट वृद्धि, दिसंबर 2021 के निम्न आधार को दर्शाती है। साहा ने कहा कि मार्च तिमाही में आधार का प्रभाव ज्यादा नहीं होगा। बैंक ने वित्त वर्ष 23 के लिए सालाना आधार पर 15 प्रतिशत की क्रेडिट वृद्धि का अनुमान लगाया है।
कुल मिलाकर अधिक ऋण वृद्धि (17 से 19 प्रतिशत) का बैंकिंग उद्योग का प्रदर्शन भी काफी हद तक कम होकर 14 से 15 प्रतिशत रह जाएगा। उन्होंने कहा ‘इस बात को ध्यान में रखते हुए हमें लगता है कि 15 प्रतिशत का मूल अनुमान बैंक के लिए ठीक है।’
धन जुटाने में प्रतिस्पर्धा के संबंध में उन्होंने कहा कि इस तिमाही में बैंकों के बीच होड़ जारी रहने वाली है। उन्होंने कहा कि बुनियादी मसला तरलता की कमी के संबंध में है। बढ़ती दर की स्थिति (जमा पर) कुछ हद तक मार्च 2023 के बाद हल्की पड़ जाएगी। जहां जमा वृद्धि के मामले में वित्त वर्ष 23 का इसका अनुमान 12 प्रतिशत है, वहीं 31 दिसंबर, 2022 तक सालाना आधार पर यह 9.11 प्रतिशत बढ़कर 1,09,497 करोड़ रुपये हो चुकी है।