facebookmetapixel
Swiggy Q2 रिजल्ट की डेट हुई घोषित! जानिए कब आएंगे कंपनी के तिमाही नतीजेASEAN Summit: पीएम मोदी नहीं जाएंगे मलेशिया, इस बार वर्चुअली ही होंगे शामिलभारत में Apple की बड़ी छलांग! 75 हजार करोड़ की कमाई, iPhone 17 बिक्री में चीन को भी पीछे छोड़ाInfosys buyback: नंदन नीलेकणी-सुधा मूर्ति ने ठुकराया इन्फोसिस का ₹18,000 करोड़ बायबैक ऑफरGold-Silver Price Today: भाई दूज पर सोने-चांदी की कीमतों में उछाल, खरीदने से पहले जान लें आज के दामट्रंप बोले – मोदी मान गए! रूस से तेल खरीद पर लगेगा ब्रेकछोटे कारोबारों को मिलेगी बड़ी राहत! जल्द आने वाला है सरकार का नया MSME सुधार प्लानशराबबंदी: समाज सुधार अभियान या राजस्व का नुकसानOpenAI ने Atlas Browser लॉन्च किया, Google Chrome को दी सीधी चुनौतीDelhi pollution: लगातार दूसरे दिन जहरीली हवा में घुटी दिल्ली, AQI 353 ‘बहुत खराब’ श्रेणी में

2014-15 से पहले प्रति व्यक्ति आय तेजी से बढ़ी

वर्ष 2014-15 की तुलना में भारत की प्रति व्यक्ति आय दो गुनी हो गई है लेकिन यह बीते वर्षों की तुलना में कम बढ़ी है

Last Updated- March 08, 2023 | 9:40 AM IST
Retail Stocks to Buy

वर्ष 2014-15 की तुलना में भारत की प्रति व्यक्ति आय दो गुनी हो गई है लेकिन यह बीते वर्षों की तुलना में कम बढ़ी है।

प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय व्यापक तौर पर भारत के लोगों की औसत आय है। भारत की प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2014-15 में 86,647 रुपये थी। नवीनतम सरकारी आंकड़ों के मुताबिक यह बढ़कर 1,72,000 रुपये हो गई है। हाल में जारी रिपोर्ट के मुताबिक आठ वर्षों की अवधि के संदर्भ में प्रति व्यक्ति करीब दोगुनी हुई।

हालांकि 2014-15 से पहले के आठ वर्षों की तुलना में वृद्धि कम हुई। 2006-07 की तुलना में 2014-15 में 157 फीसदी बढ़ोतरी हुई थी जबकि 2014-15 के बाद 98.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। साल 2006-07 में प्रति व्यक्ति आय 33,717 रुपये थी, यह 2014-15 में बढ़कर 86,647 रुपये हो गई थी। ये स्थिर मूल्य हैं। इसका अर्थ है कि इसमें मुद्रास्फीति का समायोजन नहीं हुआ है। साल 2014-15 से 2022-23 के दौरान मुद्रास्फीति समायोजित वृद्धि या स्थिर कीमतों पर वृद्धि 35 फीसदी है। यह वृद्धि 2014-15 से पहले के आठ वर्षों की तुलना में 42 फीसदी थी। लिहाजा यह बीते आठ वर्षों की तुलना में कम थी।

इसमें संभवत महामारी की भी प्रमुख भूमिका रही। बीते आठ वर्ष की तुलना में 2018-19 को समाप्त हो रहे वर्ष में यह कहीं अधिक 48 फीसदी थी। लेकिन यह भी भारत की सबसे अधिक वृद्धि दर नहीं थी। साल 2000 के बाद आठ वर्षों की सबसे अधिक वृद्धि दर 54 फीसदी रही थी। साल 2010-11 में बीते आठ वर्षों की तुलना में यह वृद्धि दर रही थी।

भारत की विकास दर समकक्ष देशों के मुकाबले अधिक रही। एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में क्रय शक्ति समानता के आधार पर प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (आंकड़ें 2017 के अंतरराष्ट्रीय डॉलर पर स्थिर ) की तुलना की गई। इसमें नवीनतम 2021 के आंकड़े उपलब्ध हैं। देश में वर्ष 2015 से 2021 के दौरान आमदनी में वृद्धि 21.3 फीसदी हुई। महामारी से पहले की अवधि 2015-19 में यह वृद्धि 22.4 फीसदी थी जो महामारी से पहले की तुलना में कुछ अधिक थी।

लिहाजा निम्न मध्यम आय वाले देशों की तुलना में भारत में वृद्धि तेज थी। विश्व बैंक ने निम्न मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्था को परिभाषित किया है। इसके तहत 2021 में प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (जीएनआई) या साल भर में प्रति व्यक्ति अर्जित राशि 1,086 डॉलर से 4,255 डॉलर वाले देश निम्न मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्था में आते हैं। निम्न मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्था की सूची में अन्य देश वियतनाम, बांग्लादेश, श्रीलंका और इंडोनेशिया हैं।

भारत की अर्थव्यवस्था रूस, दक्षिण कोरिया और ब्राजील की तुलना में तेजी से बढ़ी। इसमें सबसे तेजी से चीन में बढ़ोतरी हुई। चीन की अर्थव्यवस्था 2015-19 के दौरान 26.9 फीसदी और 2015-21 के दौरान 39 फीसदी की दर से बढ़ी थी। विश्व बैंक के आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2017 के स्थिर मूल्य के तहत क्रय शक्ति समानता के आधार पर 2021 में भारत की प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (जीएनआई) 6,488.91 डॉलर थी। इस अवधि में चीन की प्रति व्यक्ति आय 17,443.96 डॉलर थी। लिहाजा इस अवधि के दौरान चीन की तुलना में भारत की प्रति व्यक्ति आय आधे से भी कम थी।

First Published - March 8, 2023 | 9:40 AM IST

संबंधित पोस्ट