रिलायंस जियो और भारती एयरटेल द्वारा स्थापित किए गए कुल 5जी बेस ट्रांससीवर स्टेशन (बीटीएस) टावरों के मामले में देश के 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से छह की हिस्सेदारी 55 प्रतिशत से ज्यादा है। इससे उन प्रमुख बाजारों का संकेत मिलता है, जहां उपभोक्ताओं को नई सेवा की ओर अपग्रेड करने की उम्मीद है।
यह राज्य हैं महाराष्ट्र (मुंबई समेत), उत्तर प्रदेश (पूर्व और पश्चिम), तमिलनाडु, गुजरात, कर्नाटक और दिल्ली। अगर पश्चिम बंगाल को शामिल कर लिया जाता, तो यह आंकड़ा 62 प्रतिशत से भी ज्यादा हो जाता।
यह आंकड़े दूरसंचार कंपनियों द्वारा दूरसंचार विभाग को दी गई साप्ताहिक सूचना पर आधारित है। यह सूचना 19 मार्च को दी गई थी।
सरल शब्दों में कहें, तो बीटीएस मोबाइल उपकरणों को नेटवर्क से जोड़ता है तथा फोन को रेडियो सिग्नल भेजता और प्राप्त करता है और उन्हें डिजिटल सिग्नल में परिवर्तित करता है। आम तौर पर किसी टावर पर एक से ज्यादा बीटीएस होते हैं और यह उस स्पेक्ट्रम बैंड की संख्या पर आधारित होता है, जिसे कोई दूरसंचार कंपनी पेश करना चाहती है। मोटे तौर पर प्रत्येक स्पेक्ट्रम बैंड के लिए एक बीटीएस की जरूरत होती है।
ये छह राज्य अपने राजस्व के लिए भी खास हैं। सभी सर्किलों में दूरसंचार कंपनियों के कुल एजीआर में इनकी 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वोडाफोन आइडिया द्वारा 5जी सेवाएं पेश नहीं करने और कोई स्पष्ट समय सीमा नहीं होने की वजह से 5जी के मामले में यह आंकड़ा और ज्यादा होगा।
इसके अलावा रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के पास राजस्व का एक बड़ा हिस्सा है। मिसाल के तौर पर, कर्नाटक में संयुक्त रूप से 87 प्रतिशत की राजस्व हिस्सेदारी, दिल्ली में 82 प्रतिशत और तमिलनाडु में 80 प्रतिशत से कुछ कम है।
इन आंकड़ों की जानकारी रखने वाली दूरंसचार कंपनियों का कहना है कि सिर्फ छह महीने पहले ही 5जी नेटवर्क की शुरुआ करने वाली दोनों दूरसंचार कंपनियां संयुक्त रूप से 500 से अधिक शहरों में पहुंच चुकी हैं। इनकी न्यूनतम कवरेज 20 प्रतिशत और अधिकतम कवरेज दिल्ली में 70 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है।
रिलायंस जियो के आंकड़ों के अनुसार कंपनी करीब 99,870 बेस स्टेशन और 3,00,000 से ज्यादा रेडियो पेश कर चुकी है क्योंकि यह दो स्पेक्ट्रम बैंड (5जी के लिए 3.5 गीगाहर्ट्ज और 700 मेगाहर्ट्ज) पर रेडियो की तैनाती कर रही है, जिसकी उसे कवरेज के लिए जरूरत है। इस तरह, जियो के पास प्रति टावर दो बीटीएस हैं। इसने प्रत्येक स्पेक्ट्रम बैंड में तीन रेडियो तैनात किए हैं।