पिछले सप्ताह बाजार में उतार-चढ़ाव दिखा। बेंचमार्क नैशनल स्टॉक एक्सचेंज निफ्टी पहले दो कारोबारी सत्रों के दौरान 202 अंक तक गिर गया और फिर बाद के दो सत्रों में 217 अंक चढ़ गया। सप्ताह का समापन 19,638 के स्तर पर हुआ। पिछले सप्ताह की ही तरह निफ्टी के 19,500 अंक से नीचे गिरने के बाद जोरदार खरीदारी सामने आई।
स्वास्तिक इन्वेस्टमार्ट के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौड़ ने कहा कि असली चुनौती 19,800 के स्तर पर 20 दिनों की मूविंग एवरेज पार करने में है, जो अधिक ओपन इंटरेस्ट से मेल खाता है। 19,800 के इस स्तर को पार करना गिरावट के अंत का संकेत होगा और तब निफ्टी में 20,000 से 20,200 तक का लक्ष्य रखा जा सकता है।
इसके विपरीत 19,300 और 19,250 के बीच एक महत्वपूर्ण समर्थन क्षेत्र मौजूद है। अगर निफ्टी इस सीमा से नीचे आता है, तो यह 19,000 और 18,800 तक गिर सकता है। इसलिए 19,300 और 19,800 के बीच के दायरे पर निगाह रखना महत्वपूर्ण है।
सितंबर में ज्यादा आईपीओ आए
आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के लिहाज से सितंबर महत्वपूर्ण महीना रहा है क्योंकि आईपीओ पेश किए जाने के मद्देनजर 14 सौदों ने इसे 13 वर्षों में सबसे सक्रिय महीना बना दिया है। बाजार की सकारात्मक धारणा का लाभ उठाते हुए और अपनी वित्तीय स्थिति अपडेट करने की जरूरत से बचते हुए कंपनियों में अपने-अपने आईपीओ लाने की होड़ रही।
अगर ये आईपीओ अक्टूबर में पेश किए जाते, तो कंपनियों को अपने निर्गम के दस्तावेजों को अप्रैल-जून तिमाही के आंकड़ों के साथ अपडेट करना पड़ता। इस तकनीकी वजह और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में बढ़ोतरी के कारण आईपीओ की गतिविधि धीमी हो सकती थी।
हालांकि बाजार के अंदरूनी सूत्र पूरी तरह से विराम लगने से इनकार करते हैं। निवेश बैंकिंग सूत्रों से पता चला है कि इस महीने करीब 3,000 करोड़ रुपये के आईपीओ कतार में हैं।