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साल 2023 में लंबी अवधि वाले डेट फंडों ने दिया बढ़िया ­रिटर्न

फ्लोटर, लॉन्ग ड्यूरेशन, गिल्ट और डायनैमिक बॉन्ड फंडों का एक साल का औसत प्रतिफल अब 7.2 फीसदी से ज्यादा है, जो साल 2022 के आखिर में 2 से 4 फीसदी रहा था।

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अभिषेक कुमार   
Last Updated- December 21, 2023 | 10:54 PM IST

बॉन्ड रिटर्न में नरमी की बदौलत साल 2023 में रिटर्न के चार्ट पर सक्रियता से प्रबंधित डेट फंडों (Debt funds) की वापसी हुई है। ये डेट फंड ऐसे हैं जिनमें लंबी अवधि बने रहने के लिहाज से लचीलापन होता है।

फ्लोटर, लॉन्ग ड्यूरेशन, गिल्ट और डायनैमिक बॉन्ड फंडों का एक साल का औसत प्रतिफल अब 7.2 फीसदी से ज्यादा है, जो साल 2022 के आखिर में 2 से 4 फीसदी रहा था। कुछ योजनाओं ने तो 8 फीसदी से भी ज्यादा रिटर्न दिया है। वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।

डेट फंड के रिटर्न का संबंध अंतर्निहित निवेश के प्रतिफल से विपरीत समानुपाती होता है, जिसका मतलब यह है कि प्रतिफल में गिरावट फंडों के लिए सकारात्मक होता है। साथ ही ऋण प्रतिभूतियों की अवधि जितनी ज्यादा होती है, फायदा उतना ही अधिक होता है।

10 वर्षीय सरकारी बॉन्ड का प्रतिफल 2023 में 7.43 फीसदी व 6.96 फीसदी के बीच झूलता रहा। अभी यह 7.18 फीसदी है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।

कोटक ऑल्टरनेट ऐसेट मैनेजर्स की सीईओ (निवेश व रणनीति) लक्ष्मी अय्यर ने कहा, जिन फंड मैनेजरों ने सही समय पर अवधि बढ़ाई, उन्हें प्रतिफल में नरमी का लाभ मिला। हालांकि यह गिरावट नीचे की ओर है, जो उच्च अवधि वाले फंडों के रिटर्न को मजबूती देने के लिए पर्याप्त है।

लेखक व कॉरपोरेट प्रशिक्षक (वित्तीय बाजार) जयदीप सेन ने कहा, पोर्टफोलियो की अवधि गुणक के तौर पर काम करती है। ऐसे में जिन फंड मैनेजरों ने सही वक्त पर पोर्टफोलियो की अवधि में इजाफा किया, उन्हें गिरते प्रतिफल का लाभ मिला।

गिल्ट फंडों के सुधरे प्रदर्शन के पीछे एकमात्र कारक प्रतिफल में नरमी और अवधि पर फैसला है, खास तौर से उन योजनाओं के मामले में जिसने सामान्य से बेहतर प्रदर्शन किया।

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड में गिल्ट फंड का प्रबंधन करने वाले अनुज टाग्रा ने कहा, साल 2023 में फ्लोटिंग दर वाले बॉन्ड में निवेश से फंड को बेहतर प्रदर्शन में मदद मिली। यह तरीका हमारे लिए कारगर रहा क्योंकि दरों के इस चक्र में जहां आरबीआई 4 फीसदी से 6.5 फीसदी पर पहुंच गया, इन बॉन्डों ने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया और हमारे लिए अहम रहा। योजना ने एक साल की अवधि में 8.6 फीसदी रिटर्न दिया।

नवंबर के आखिर में इस योजना का फ्लोटिंग दर वाले सरकारी बॉन्डों में करीब 40 फीसदी निवेश था। 8 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न देने वाले कोटक गिल्ट फंड के पोर्टफोलियो का 28 फीसदी निवेश 30 नवंबर तक इन प्रतिभूतियों में था। वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।

फ्लोटिंग दर वाले बॉन्ड की ब्याज दर अन्य नियमित बॉन्डों की तरह तय नहीं होती है। दर का जुड़ाव बेंचमार्क से होता है और यह डेट मार्केट के ट्रेंड के मुताबिक बदलता रहता है।

मुख्य रूप से फ्लोटिंग दर वाले बॉन्ड में निवेश करने वाले फ्लोटर फंडों ने भी प्रदर्शन में खासा सुधार दर्ज किया है। इन योजनाओं ने एक साल की अवधि में औसतन 7.7 फीसदी रिटर्न दिया है।

डीएसपी एमएफ के प्रमुख (फिक्स्ड इनकम) और डीएसपी स्ट्रैटिजिक बॉन्ड फंड के प्रबंधन में सहायक संदीप यादव ने कहा, इस योजना ने ब्याज दर में उतारचढ़ाव का फायदा समय पर फैसला लेकर उठाया, चाहे प्रतिफल की गिरावट के समय जोखिम लेने का हो या अनिश्चित समय के दौरान जोखिम घटाने का हो। फंड ने एक साल की अवधि में 8.1 फीसदी रिटर्न दिया।

First Published : December 21, 2023 | 10:47 PM IST