facebookmetapixel
प्रीमियम स्कूटर बाजार में TVS का बड़ा दांव, Ntorq 150 के लिए ₹100 करोड़ का निवेशGDP से पिछड़ रहा कॉरपोरेट जगत, लगातार 9 तिमाहियों से रेवेन्यू ग्रोथ कमजोरहितधारकों की सहायता के लिए UPI लेनदेन पर संतुलित हो एमडीआरः एमेजॉनAGR बकाया विवाद: वोडाफोन-आइडिया ने नई डिमांड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख कियाअमेरिका का आउटसोर्सिंग पर 25% टैक्स का प्रस्ताव, भारतीय IT कंपनियां और GCC इंडस्ट्री पर बड़ा खतरासिटी बैंक के साउथ एशिया हेड अमोल गुप्ते का दावा, 10 से 12 अरब डॉलर के आएंगे आईपीओNepal GenZ protests: नेपाल में राजनीतिक संकट गहराया, बड़े प्रदर्शन के बीच पीएम ओली ने दिया इस्तीफाGST Reforms: बिना बिके सामान का बदलेगा MRP, सरकार ने 31 दिसंबर 2025 तक की दी मोहलतग्रामीण क्षेत्रों में खरा सोना साबित हो रहा फसलों का अवशेष, बायोमास को-फायरिंग के लिए पॉलिसी जरूरीबाजार के संकेतक: बॉन्ड यील्ड में तेजी, RBI और सरकार के पास उपाय सीमित

ऑस्ट्रेलियाई खदान में हिस्सेदारी खरीदने की दौड़ में JSW और JFE

ऑस्ट्रेलिया की व्हाइटहेवन कोल ब्लैकवाटर की धातु कोयला खदान में अपनी अल्पांश हिस्सेदारी बेच रही है और जेएसडब्ल्यू ग्रुप में इसमें अपनी रुचि दिखाई है।

Last Updated- April 29, 2024 | 10:13 PM IST
JSW Energy inks deal to acquire O2 Power at $1.47 bn enterprise value JSW Energy का अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण, 1.47 अरब डॉलर में खरीदेगी ओ 2 पावर प्लेटफॉर्म

व्हाइटहेवन कोल के स्वामित्व वाली ऑस्ट्रेलियाई कोयला खदान में 30 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदने के लिए भारतीय कारोबारी समूह जेएसडब्ल्यू ग्रुप (JSW Group) और जापान के जेएफई (JFE) ने पेशकश की है।

इस मामले की करीब से नजर रखने वाले एक बैंकर ने कहा कि अरबपति कारोबारी सज्जन जिंदल की भारतीय कंपनी अपने कच्चे माल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक आक्रामक पेशकश करने की योजना बना रही है।

ऑस्ट्रेलिया की व्हाइटहेवन कोल ब्लैकवाटर की धातु कोयला खदान में अपनी अल्पांश हिस्सेदारी बेच रही है और जेएसडब्ल्यू ग्रुप में इसमें अपनी रुचि दिखाई है।

बैंकर ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई कंपनी किसी एक कंपनी को 20 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के बजाय दोनों निवेशकों को खदान में 30 फीसदी तक हिस्सेदारी बेचना चाह रही है। इससे पहली इस साल फरवरी में खबरें आई थीं कि जेएसडब्ल्यू करीब 1 अरब डॉलर में खदान में 20 फीसदी हिस्सेदारी लेगी मगर अंतिम प्रस्ताव का मूल्यांकन अब पता चला है।

दोनों कंपनियों जेएफई और जेएसडब्ल्यू ने भारत में पहले ही 50:50 संयुक्त उद्यम जेएसडब्ल्यू जेएफई इलेक्ट्रिकल स्टील प्राइवेट का गठन किया है और कर्नाटक में 5,500 करोड़ रुपये में एक संयंत्र स्थापित करने वाली है। दोनों कंपनियों को उम्मीद है कि संयंत्र से वित्त वर्ष 2027 तक उत्पादन शुरू हो जाएगा। जेएफई के पास जेएसडब्ल्यू स्टील में 14.99 फीसदी हिस्सेदारी भी है।

इस बाबत जेएसडब्ल्यू ग्रुप को भेजे ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला है और व्हाइटहेवन कोल ने बिक्री पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। बैंकर ने कहा कि व्हाइटहेवन जून के अंत तक प्रस्तावों पर फैसला लेगी।

दुनिया भर में कोल खदान लेने की इच्छा रखने वाली जेएसडब्ल्यू इकलौती कंपनी नहीं है। इससे पहले टाटा पावर, अदाणी और एस्सार समूह जैसी कई भारतीय कंपनियों ने अपनी कच्चे माल की आपूर्ति सुरक्षित करने की रणनीति के तहत विदेश में कोयला खदानों का अधिग्रहण किया था।

जेएसडब्ल्यू समूह (JSW Group) ने कई क्षेत्रों में निवेश ही महत्त्वाकांक्षी योजना बनाई है। इस साल मार्च में समूह ने एमजी मोटर इंडिय में 35 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए चीन की एसएआईसी मोटर के साथ संयुक्त उद्यम की घोषणा की और ओडिशा में इलेक्ट्रिक वाहन और बैटरी विनिर्माण क्षमता संयंत्र स्थापित करने के लिए 40 हजार करोड़ रुपये के निवेश की भी योजना बना रही है।

वहीं, जेएसडब्ल्यू स्टील ने साल 2030 तक अपनी क्षमता 5 करोड़ टन प्रति वर्ष तक बढ़ाने की योजना बनाई है और अधिग्रहण के जरिये अपने कच्चे माल की आपूर्ति सुनिश्चित करना चाहती है। कंपनी बीते कुछ वर्षों में ऑस्ट्रेलिया और दुनिया के अन्य हिस्सों में वैकल्पिक उच्च गुणवत्ता वाले कोयला खदानों की तलाश कर रही थी।

जेएसडब्ल्यू समूह ने महाराष्ट्र में इस्पात स्टील की इकाई और भूषण पावर ऐंड स्टील सहित भारत में कई इस्पात परिसंपत्तियों का अधिग्रहण करके अपना साम्राज्य स्थापित किया है। समूह एमजी मोटर में बहुलांश हिस्सेदारी खरीदने की दौड़ में भी है ताकि वह भारत में इलेक्ट्रिक वाहन खंड में प्रवेश कर सके। इस महीने की शुरुआत में समूह ने ओडिशा में नए वाणिज्यिक और यात्री कार ई वाहनों में 40 हजार करोड़ रुपये के निवेश करने की घोषणा की।

First Published - April 29, 2024 | 10:09 PM IST

संबंधित पोस्ट