भारतीय बीमा नियामक व विकास प्राधिकरण (IDRAI) ने आदेश दिया कि बीमा कंपनियां 1 जनवरी, 2024 से अनिवार्य रूप से उपभोक्ताओं को बीमे की मुख्य विशेषताएं का विवरण उपलब्ध कराएं। इस आदेश का ध्येय बीमा समझौते की कानूनी शर्तों को आसान बनाना है।
इससे बीमा पॉलिसी खरीदने वाला आसानी से नियम व शर्तें समझ सकेंगे जो अनिवार्य भी है। नियामक को पॉलिसी धारकों से कई शिकायतें मिली हैं। इसका कारण यह है कि बीमा करने वाले और बीमा धारक में सूचनाओं को समझने में एकरूपता का अभाव है।
नियामक के इस आदेश के मद्देनजर वर्तमान उपभोक्ता सूचना पत्र (सीआईएस) को संशोधित किया गया है ताकि बीमा पॉलिसी की बुनियादी विशेषताओं को आसानी से समझा जा सके। बीमा धारक के अनुरोध पर सीआईएस स्थानीय भाषा में भी उपलब्ध कराया जाएगा।
संशोधित पत्र के अनुसार बीमा करने वाले को बीमा उत्पाद/पॉलिसी का नाम, ‘पॉलिसी नंबर’, ‘बीमा उत्पाद/पॉलिसी के प्रकार’ और ‘बीमित राशि’ की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
बीमाधारक को पॉलिसी कवरेज (जैसे अस्पताल के खर्चे), पॉलिसी में जो खर्चे शामिल नहीं हैं, भुगतान में लगने वाले वक्त, शामिल खर्चे की वित्तीय सीमा, दावा करने की प्रक्रिया और शिकायत/निवारण तंत्र के बारे में जानकारी मुहैया करवाई जाएगी।
इसके अलावा नियामक ने कहा कि बीमा करने वाले, मध्यस्थ और एजेंट सभी पॉलिसी धारकों को सीआईएस उपलब्ध कराएं और इसे उपभोक्ता को प्राप्त होने की सूचना प्राप्त करें।