पहली तिमाही में अब तक का सर्वोच्च शुद्ध लाभ अर्जित करने के बावजूद इंटरग्लोब एविएशन की तरफ से परिचालित इंडिगो एयरलाइंस की चुनौतियां अल्पावधि में बढ़ रही हैं। विश्लेषकों ने गुरुवार को ये बातें कही।
इसे देखते हुए ज्यादातर ब्रोकरेज फर्मों ने अपनी रेटिंग व लक्षित कीमतें हालांकि बरकरार रखी है और इनकी सिफारिशों में खरीद से लेकर अंडरपरफॉर्म शामिल है।
उदाहरण के लिए मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज ने इस शेयर पर तटस्थ रेटिंग बरकरार रखी है क्योंकि उसका मानना है कि किफायती विमानन सेवा कंपनी मौजूदा समय में शुरुआती चरण की समस्याओं का सामना कर रही है।
ब्रोकरेज ने कहा, सकारात्मक परिदृश्य और भारतीय विमानन उद्योग में मजबूत मांग के बावजूद हम कई चुनौतियां देख रहे हैं, जिनका समाधान होना है। ये चीजें इंडिगो के लिए सही तस्वीर नहीं बनाती। एक्सचेंजों पर एयरलाइंस का शेयर 4.5 फीसदी गिरकर 2,450 रुपये पर बंद हुआ। इसकी तुलना में बेंचमार्क एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स 0.82 फीसदी गिरकर 65,241 पर बंद हुआ।
आगे रहेगा झंझावात?
विश्लेषकों के मुताबिक, जुलाई-सितंबर तिमाही में इंडिगो का मुनाफा प्रभावित हो सकता है, जिसकी वजह सीजन के लिहाज से कमजोर तिमाही में किराया कम होना और ईंधन की ज्यादा कीमत है। प्रबंधन का कहना है कि ये चीजें वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही में प्रतिफल पर 10 से 15 फीसदी का असर डाल सकती है।
उद्योग के अनुमान के मुताबिक, 30 दिन का डोमेस्टिक फॉरवर्ड प्राइस दूसरी तिमाही में अभी तक क्रमिक आधार पर 15 फीसदी कम है, वहीं 15 दिन आगे की कीमतें तिमाही आधार पर 15 फीसदी नीचे है। इंडिगो के लिए 30 दिन आगे की बुकिंग के लिए कीमतें 10 फीसदी नीचे हैं और 15 दिन आगे की बुकिंग के लिए 11 फीसदी कम हैं।
पहली तिमाही इंटरग्लोब एविएशन के लिए रिकॉर्ड रही
वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही इंटरग्लोब एविएशन के लिए रिकॉर्ड रही और राजस्व व कर पश्चात लाभ अब तक के सर्वोच्च स्तर पर रहा, जिसे 88.7 फीसदी के मजबूत लोड फैक्टर और 5.1 रुपये प्रतिफल के अलावा सालाना आधार पर प्रति सीट किलोमीटर ईंधन की लागत में 26.6 फीसदी की गिरावट से सहारा मिला। कंपनी का एबिटा सात गुने से ज्यादा बढ़कर 5,210.9 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
एटीएफ की कीमतें हालांकि दूसरी तिमाही में 10.7 फीसदी बढ़कर 100.1 प्रति लीटर पहुंच चुकी है। विश्लेषकों ने कहा, यह बढ़ोतरी सितंबर तिमाही में इंडिगो के स्प्रेड पर दबाव डाल सकती है।
ब्रोकरेज ने खरीद की रेटिंग बरकरार रखी
प्रभुदास लीलाधर के विश्लेषकों ने कहा, हम वित्त वर्ष 24/25 के लिए एबिटा का अनुमान 7-7 फीसदी घटा रहे हैं क्योंकि प्रतिफल पर क्रमिक आधार पर ज्यादा दबाव नजर आ रहा है, वहीं एटीएफ की कीमतें पिछले दो महीने में 11 फीसदी बढ़ी है। हम अगले दो साल में राजस्व में सालाना 15 फीसदी चक्रवृद्धि के हिसाब से बढ़ोतरी देख रहे हैं और एबिटा मार्जिन क्रमश: 25.4 फीसदी व 28.1 फीसदी रह सकता है। ब्रोकरेज ने खरीद की रेटिंग बरकरार रखी है और लक्षित कीमत 2,855 रुपये बताई है।
इसके अलावा विश्लेषक आगामी महीनों में गहराती प्रतिस्पर्धा को लेकर चेतावनी दे रहे हैं क्योंकि स्पाइसजेट को प्रवर्तकों से फंड मिल रहा है, गो फर्स्ट फिर से उड़ान भर सकती है और जेट एयरवेज को डीजीसीए से इंडियन एयर ऑपरेटर परमिट मिल गया है, जो उसकी बहाली को और करीब बना रहा है।
इस बीच हालांकि इंडिगो को ज्यादातर विमानों के खड़े होने का अंदेशा है, जिसकी वजह प्रैट ऐंड व्हिटनी इंजन की जांच है। इन विमानों की विस्तृत जांच होनी है, जो संभावित तौर पर 9 विमानों पर असर डाल सकती है, जहां पहले से ही 35 विमान खड़े हैं। प्रैट ऐंड व्हिटनी 1,200 इंजन की जांच करेगी, जिसमें से 200 की जांच सितंबर के मध्य में जबकि बाकी की जांच अगले साल होगी।