सरकार वित्त वर्ष 23 में 12 सूचीबद्ध पब्लिक सेक्टर के बैंकों (PSB’s) से तकरीबन 13,800 करोड़ रुपये का इक्विटी डिविडेंड अर्जित करने वाली है, जो वित्त वर्ष 22 के 9,210 करोड़ रुपये से 50 प्रतिशत अधिक है। यह पीएसबी से सरकार को अब तक की सबसे अधिक डिविडेंड आय होगी।
12 सूचीबद्ध पीएसबी का वित्त वर्ष 23 में करीब 21,000 करोड़ का कुल इक्विटी डिविडेंड वित्त वर्ष 22 के 13,710 करोड़ रुपये से 53 प्रतिशत अधिक है। आय और लाभांश भुगतान के लिहाज से पीएसबी के लिए यह सबसे अच्छा साल रहा।
SBI की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी
व्यक्तिगत पीएसबी के बीच लाभांश भुगतान में वृद्धि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा संचालित रही, जिसने वित्त वर्ष 23 के लिए कुल 10,085 करोड़ रुपये का भुगतान घोषित किया, जिसमें से 5,740 करोड़ रुपये सरकार को प्राप्त हो रहे हैं। वित्त वर्ष 23 में पीएसबी द्वारा भुगतान किए गए सभी लाभांश में एसबीआई का योगदान 48 प्रतिशत रहा।
इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा, जिसने वित्त वर्ष 23 में 2,848 करोड़ रुपये के इक्विटी लाभांश की घोषणा की तथा केनरा बैंक (2,177 करोड़ रुपये) का स्थान रहा।
पीएसबी द्वारा लाभांश भुगतान में यह वृद्धि पिछले दो वर्षों में पीएसबी के राजस्व और शुद्ध लाभ में तीव्र उछाल से प्रेरित रही। सूचीबद्ध पीएसबी का संयुक्त शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 23 में बढ़कर 1.05 लाख करोड़ रुपये रिकॉर्ड शीर्ष स्तर पर पहुंच गया, जो वित्त वर्ष 22 में 66,540 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 21 में 31,818 करोड़ रुपये था।
इसकी तुलना में बैंकिंग क्षेत्र में फंसे हुए ऋण संकट के शीर्ष स्तर पर पीएसबी ने वित्त वर्ष 18 में 76,000 करोड़ रुपये से अधिक का संयुक्त शुद्ध घाटा दर्ज किया था, इसके बाद वित्त वर्ष 19 में करीब 59,800 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया गया था।
तुलनात्मक रूप से, पीएसबी की संयुक्त सकल ब्याज आय वित्त वर्ष 23 में पिछले साल के मुकाबले 20 प्रतिशत बढ़कर 8.51 लाख करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले 7.09 लाख करोड़ रुपये थी।
इसी अवधि में शुल्क और ट्रेजरी आय सहित उनका कुल राजस्व पिछले साल के मुकाबले 15.7 प्रतिशत बढ़कर 9.7 लाख करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 23 में पीएसबी के राजस्व में इस वृद्धि को उधार दरों में वृद्धि और पिछले वित्त वर्ष में ऋण वृद्धि में सुधार से बल मिला।
कमाई के मामले में पीएसबी को गैर-निष्पादित ऋणों (एनपीए) के लिए आकस्मिक व्यय और प्रावधानों में तेज गिरावट से भी फायदा हुआ। वित्त वर्ष 2023 में एनपीए के लिए कुल प्रावधान पिछले साल के मुकाबले 9.7 प्रतिशत घटकर लगभग 97,000 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले आठ साल में सबसे कम है।
पीएसबी द्वारा लाभांश भुगतान में तीव्र वृद्धि से केंद्र सरकार को वित्तीय प्रोत्साहन मिलेगा और राजकोषीय घाटे को कम करने में मदद मिलेगी। पीएसबी से लाभांश आय सरकार के गैर-कर राजस्व का हिस्सा होती है।