भले ही भारतीय स्मार्टफोन बाजार ने ‘मास सेगमेंट’ (एंट्री-लेवल सेगमेंट) में घटती खेपों की वजह से कुल बिक्री में गिरावट दर्ज की है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि प्रीमियम श्रेणी के स्मार्टफोन की बिक्री भविष्य में मजबूत होगी।
मार्केट इंटेलीजेंस प्लेटफॉर्म इंटरनैशनल डेटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय स्मार्टफोन बाजार ने 2022 में 14.4 करोड़ स्मार्टफोन की बिक्री दर्ज की, जो वर्ष 2019 के बाद से सबसे कम है और सालाना आधार पर 10 प्रतिशत की गिरावट है। ऐसा मुख्य तौर पर एंट्री-लेवल सेगमेंट में सालाना आधार पर आई 54 प्रतिशत की गिरावट की वजह से हुआ। एंट्री-लेवल सेगमेंट को ‘मास सेगमेंट’ (150 डॉलर से कम) के नाम से भी जाना जाता है।
जहां संपूर्ण बाजार में बिक्री कमजोर रही, वहीं प्रीमियम सेगमेंट में 2022 में शानदार वृद्धि दर्ज की गई।
आईडीसी एशिया पैसीफिक में मोबाइल फोन्स की मुख्य विश्लेषक उपासना जोशी का कहना है, ‘मिड-प्रीमियम और प्रीमियम सेगमेंटों (300-500 डॉलर और 500 डॉलर+) में 20 प्रतिशत तक और 55 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्जकी गई, जबकि 300 डॉलर से कम कीमत के स्मार्टफोन सेगमेंट में सालाना आधार पर 51 प्रतिशत की कमी आई।’
शोध फर्म टेकआर्क के संस्थापक एवं मुख्य विश्लेषक फैजल कवूसा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘पिछले कुछ वर्षों के दौरान, स्मार्टफोन बाजार पर अपग्रेड सेगमेंट का दबदबा रहा है। प्रीमियम रेंज, खासकर मिड-प्रीमियम रेंज इस सेगमेंट में पसंदीदा विकल्पों में से एक के तौर पर उभर रही है।’उन्होंने कहा, ‘स्मार्टफोन बाजार मात्रा के संदर्भ में 15-15.5 करोड़ फोन तक सीमित बना हुआ है। हालांकि प्रीमियम सेगमेंट ने वैल्यू के संदर्भ में वृद्धि दर्ज की है।’
एंट्री-लेवल सेगमेंट या मीडियम लेवल स्मार्टफोन के मुकाबले प्रीमियम सेगमेंट में नई पेशकशों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। उपभोक्ता ज्यादा मेमोरी, 5जी, बेहतर कैमरा गुणवत्ता आदि जैसे फीचर की भी जरूरत महसूस कर रहे हैं। इसके अलावा ईएमआई के साथ आसान खरीदारी, कैशबैक और ट्रेड-इन जैसी सुविधाओं ने भी ऊंची कीमत के स्मार्टफोन की बिक्री को बढ़ावा दिया है। भारत में संपूर्ण शिपमेंट के साथ साथ बाजार भागीदारी, दोनों के संदर्भ में ऐपल मौजूदा समय में हाई-ऐंड डिवाइस के लिए मुख्य पसंदीदा विकल्प है। इसके अलावा, सैमसंग और ओप्पो जैसी कंपनियां भी महंगे स्मार्टफोन सेगमेंट पर ध्यान बढ़ा रही हैं।