सूचना तकनीकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को कहा कि भारत अपने प्रस्तावित डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण कानून के माध्यम से व्यक्तिगत व सामाजिक अधिकार का खाका तैयार करने की कवायद के साथ नवोन्मेष को बढ़ावा देगा।
बहरहाल मंत्री ने कहा कि यह लागू करना आसान नहीं होगा क्योंकि हर कदम दूसरे पक्ष के लिए हानिकारक हो सकता है। उद्योग संगठन सीआईआई द्वारा आयोजित बी-20 सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में वैष्णव ने कहा, ‘निजता का अधिकार और व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा में दुनिया जीडीपीआर (सामान्य डेटा सुरक्षा कानून) का पालन कर रही है। कई वर्षों से तमाम अर्थव्यवस्थाओं में यह प्रचलन में है। व्यक्तिगत आंकड़ों के संरक्षण का अनुभव बेहतर रहा है। वहीं दूसरी तरफ इससे नवोन्मेष पर दबाव पड़ा है।’
डेटा संरक्षण विधेयक को लेकर आईटी मंत्रालय ने विभिन्न हिस्सेदारों से बात की है, उसके बाद इसे पिछले साल नवंबर में जारी किया गया। 2019 का मसौदा खारिज किए जाने के बाद संसद की स्थायी समिति की सिफारिशों के मुताबिक विधेयक का नया मसौदा पेश किया गया है।
निजता कानून में निजता का अधिकार को भारतीय नागरिकों के मूल अधिकार के रूप में रखा गया है। मसौदा विधेयक में भारत में व्यक्तिगत डिजिटल डेटा के प्रॉसेसिंग और उसके संग्रह का कानूनी खाका दिया गया है।
दूरसंचार तकनीक
वैष्णव ने आगे कहा कि स्वदेश विकसित 5जी और 4जी दूरसंचार प्रौद्योगिकी की शुरुआत देश में इस वर्ष से शुरू हो जाएगी जबकि विश्व को इन मंचों की पेशकश अगले वर्ष से शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि दुनिया के सिर्फ 5 देशों के पास ‘एंड-टू-एंड’ 4जी-5जी दूरसंचार प्रौद्योगिकी उपलब्ध है लेकिन निजी-सार्वजनिक भागीदारी के जरिये भारत ने भी अपनी प्रौद्योगिकी विकसित की है, जिसका परीक्षण एक करोड़ कॉल एक साथ आने की स्थिति के मद्देनजर किया गया है।
वैष्णव ने कहा, ‘निजी और सार्वजनिक साझेदारी को साथ लेकर चलने के हमारे रुख के कारण हमें समाधान मिल सका जिसमें मूल को विकसित किया गया, सार्वजनिक क्षेत्र, सार्वजनिक कोष ने इसमें निवेश किया और बाकी का सब कुछ निजी भागीदारी से प्राप्त हुआ। 2023 के दौरान हम करीब 50,000 से 70,000 टावर, स्थलों पर इसे शुरू करेंगे और 2024 में इन प्रौद्योगिकी की पेशकश पूरी दुनिया को की जाएगी।’
उन्होंने कहा कि कुछ विकट समस्याओं का समाधान निकालने के लिए भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 4 व्यापक राहें चुनी हैं जो आर्थिक प्रबंधन, डिजिटल अर्थव्यवस्था, डिजिटल अर्थव्यवस्था के नियमन और नई प्रौद्योगिकी के विकास से संबंधित हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मैं देख सकता हूं कि आने वाले पांच से छह वर्षों में दुनिया में हर जगह भारत की मिसाल दी जा रही होगी।’