कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने घोषणापत्र के अनुरूप ही अपनी ‘पांच गारंटी’ को लागू करने के लिए 45,000 करोड़ रुपये के वार्षिक खर्च का अनुमान लगाया है। इसके आकलन से पता चलता है कि इस गारंटी से बेंगलूरु के बाहर रहने वाले एक औसत परिवार की वार्षिक आय में 55,000 रुपये की वृद्धि होगी जो इसकी मौजूदा प्रति व्यक्ति आमदनी से 25 प्रतिशत अधिक है।
कांग्रेस के शोध विभाग के अध्यक्ष एम वी राजीव गौड़ा के अनुसार, कर्नाटक की गारंटी वास्तव में महंगाई और आमदनी में कोई वृद्धि न होने के प्रभावों को दूर करने में मदद करेगी, खासतौर पर बेंगलूरु के बाहर रहने वाले परिवारों के लिए। आर्थिक समीक्षा के अनुसार, बेंगलूरु के बाहर प्रति व्यक्ति आय 1.5-2.5 लाख रुपये है।
उन्होंने कहा, ‘दो लाख रुपये की आमदनी वाले चार लोगों के परिवार और नौकरी की तलाश कर रहे डिप्लोमाधारक एक युवा के परिवार पर विचार कीजिए। इस परिवार को गृह लक्ष्मी के माध्यम से सालाना 24,000 रुपये, युवा निधि के माध्यम से 18,000 रुपये प्रति वर्ष, अन्न भाग्य के माध्यम से लगभग 14,000 रुपये का खाद्यान्न मिलेगा और इस परिवार की गृह ज्योति के तहत उनके बिजली बिल पर कुछ हजार रुपये की बचत भी होगी। पांच गारंटी से लगभग 55,000 रुपये का लाभ इस परिवार की आमदनी में 25 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि करेगा।’
ऐक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक कांग्रेस को कर्नाटक में भाजपा की तुलना में महिलाओं से 11 प्रतिशत अधिक वोट मिले। इसके अलावा, सीएसडीएस-लोकनीति के चुनाव बाद के विश्लेषण से संकेत मिलता है कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों ने भाजपा की तुलना में कांग्रेस के लिए बड़ी संख्या में मतदान किया। पार्टी का मानना है कि इसकी ‘पांच गारंटी’ ने अहम भूमिका निभाई जिनमें से तीन महिला-केंद्रित हैं। कर्नाटक में राज्य मंत्रिमंडल ने शनिवार को अपनी पहली बैठक में पांच गारंटी लागू करने को मंजूरी दे दी।
कर्नाटक में, कांग्रेस की महिला-केंद्रित योजनाओं के तहत राज्य में परिवार की अनुमानित 1.3 महिला प्रमुखों को 2,000 रुपये का मासिक भत्ता दिया जाना है। इस गृहलक्ष्मी योजना से प्रत्येक लाभार्थी के लिए सरकारी खजाने पर 24,000 रुपये और सालाना आधार पर कुल 31,200 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
पार्टी के आकलन के अनुसार, राज्य परिवहन की बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा, की योजना के तहत प्रत्येक महिला यात्री पर रोजाना 27 रुपये का खर्च आएगा। इसकी कुल लागत का अंदाजा इस गणना के आधार पर लगाया गया है कि राज्य परिवहन की बसों में 75 लाख दैनिक यात्रियों में से 33 प्रतिशत महिलाएं हैं।
इसी तरह, सीएमआईई के आंकड़ों के आधार पर, यह अनुमान लगाया गया है कि करीब 500,000 युवा वास्तव में युवा निधि योजना के पात्र होंगे। अन्न भाग्य के तहत, 2.5 करोड़ लाभार्थियों को 10 किलो अनाज मिलेगा जिसमें राज्य सरकार 30 रुपये प्रति किलो के आधार पर 5 किलोग्राम अनाज खरीदेगी जिसकी सालाना लागत 4,500 करोड़ रुपये होगी।
वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय का मानना है कि पांच गारंटी पूरी तरह से लागू होने के बाद कर्नाटक का राजकोषीय घाटा बढ़कर 1.14 लाख करोड़ रुपये या राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसपीडी) का 4.8 प्रतिशत हो जाएगा, जो अभी 60,582 करोड़ रुपये या जीएसडीपी का 2.6 प्रतिशत है।
हालांकि, कांग्रेस के रणनीतिकारों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण की ओर भी इशारा किया जिसमें उन्होंने राज्य सरकारों को 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण को एक साल तक बढ़ाने की घोषणा की थी। गौड़ा ने कहा, ‘इससे कर्नाटक के पूंजीगत व्यय की फंडिंग करने में भी मदद मिलेगी, जिससे कांग्रेस की पांच गारंटी को पूरा करने के लिए राज्य के अपने कर राजस्व को मुक्त किया जा सकेगा।’
पार्टी रणनीतिकारों का कहना है कि पांच गारंटी का कांग्रेस का खाका कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सार्वभौमिक बुनियादी आय की अवधारणा के अनुरूप है। कांग्रेस ने उन राज्यों में भी इसी तरह की योजनाएं शुरू की हैं, जहां इसकी सत्ता है और 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए भी यह इसके घोषणापत्र का केंद्र बिंदु हो सकता है। पार्टी पहले ही मध्य प्रदेश के लिए ‘पांच गारंटी’ देने का वादा कर चुकी है।