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बायोटेक कंपनी Illumina भारत में करेगी विस्तार

इलुमिना का तरीका 24 से 48 घंटों के बीच परिणाम देती है, जो पारंपरिक कल्चर प्रक्रिया की तुलना में खासा सुधार है, जिसमें लगभग एक महीने का समय लग सकता है।

Last Updated- August 20, 2023 | 10:46 PM IST

सैन डिएगो की बायोटेक कंपनी इलुमिना भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है। उसे उम्मीद है कि देश में जीनोमिक सीक्वेंसिंग और परीक्षण का उपलब्ध बाजार वर्ष 2027 तक मौजूदा स्तर से लगभग दोगुना हो जाएगा।

बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में इलुमिना के मुख्य वित्तीय अधिकारी तथा मुख्य रणनीति और कॉर्पोरेट विकास अधिकारी जॉयदीप गोस्वामी ने कहा कि जैसे-जैसे प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद बढ़ता है, स्वास्थ्य देखभाल पर खर्च भी बढ़ता है क्योंकि लोग बेहतर देखभाल की मांग करते हैं।

गोस्वामी ने बताया कि हमारा मिशन स्वास्थ्य देखभाल की उन्नति के लिए जीनोमिक्स का इस्तेमाल करना है। हम जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट (जो देश की आबादी की जीनोम सीक्वेंसिंग कर रहा था) में शामिल रहे हैं। हम तपेदिक (टीबी) जैसी संक्रामक बीमारियों के क्षेत्र में काम करते रहे हैं। इसका उद्देश्य भारत में आबादी का वर्गीकरण करना और भारत के जीनोम परिप्रेक्ष्य से कैंसर जैसी बीमारियों को समझना है।

भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ाने का यह सही वक्त है। 32.7 अरब डॉलर की इस कंपनी ने बेंगलूरु में नया कार्यालय खोलने की घोषणा की है। यह विस्तार भारत में इसकी चैनल साझीदार प्रेमास लाइफ साइंसेज के साथ तकरीबन 16 साल तक काम करने के बाद सामने आया है। इलुमिना भारत में जीनोमिक्स बाजार बढ़ाने के लिए प्रेमास के साथ काम करना जारी रखेगी।

कंपनी का अनुमान है कि भारत में उपलब्ध बाजार का मौजूदा आकार पांच से 6.5 करोड़ डॉलर के बीच है और यह 2027 तक 10 करोड़ डॉलर का स्तर पार कर सकता है। इलुमिना भारत में टीबी कार्यक्रम पर भी काम कर रही है। अपने साझेदार जेनोस्क्रीन के साथ इसने टीबी के विभिन्न प्रकारों की पहचान करने के लिए खास टेस्ट तैयार किया है।

गोस्वामी ने कहा कि वे भारत सरकार के साथ केंद्र और राज्य दोनों ही स्तरों पर काम कर रहे हैं और टीबी उपचार की प्रक्रिया में पहले ही सीक्वेंसिंग अपनाने को प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत टीबी के लिए मॉलेकुलर निदान के कोविड-19 वाले बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल कर सकता है।

इलुमिना का तरीका 24 से 48 घंटों के बीच परिणाम देती है, जो पारंपरिक कल्चर प्रक्रिया की तुलना में खासा सुधार है, जिसमें लगभग एक महीने का समय लग सकता है। इससे मरीज सही एंटीबायोटिक का चयन कर सकता है।

उन्होंने कहा कि हम टीबी के संबंध में भारत के 11 राज्यों के साथ काम कर रहे हैं। इनमें से सात राज्य सबसे ज्यादा सक्रिय हैं। इलुमिना जहां अमेरिका में नौकरियों में कटौती कर रही है, वहीं वह भारत में कर्मचारियों की भर्ती करने की योजना बना रही है। वर्तमान में इसमें लगभग 30 लोग कार्यरत हैं।

First Published - August 20, 2023 | 10:46 PM IST

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