ओला के सह-संस्थापक भवीश अग्रवाल (Ola Founder) के आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) उद्यम ‘कृत्रिम सी डिजाइन’ ने शुक्रवार को अपना लार्ज लेंग्वेज मॉडल (एलएलएम) कृत्रिम पेश किया। वह गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और ओपनएआई के दबदबे वाली प्रतिस्पर्धी एआई दौड़ में शामिल हो गए हैं।
कृत्रिम को भारतीय डेटा के सबसे बड़े प्रतिनिधित्व के साथ बनाया गया है, जिसका उपयोग सभी भारतीय भाषाओं के लिए जनरेटिव एआई अनुप्रयोगों को प्रशिक्षित करने के लिए किया जाता है। यह लैंग्वेज मॉडल कृत्रिम के कन्वर्जेशनल एआई एसिस्टेंट का अनुभव भी मजबूत बनाएगा, जो विभिन्न भारतीय भाषाओं को समझाता और फर्राटे के साथ बोलता है।
कंपनी के एक कार्यक्रम में अग्रवाल ने कहा, ‘एआई अर्थव्यवस्था और संस्कृति के आगामी परिदृश्य में निश्चित तौर पर बदलाव लाएगा। दुनिया का सच्चा अग्रणी बनने के लिए भारत को एआई में वैश्विक लीडर बनने की जरूरत है। मौजूदा समय में सभी एआई मॉडल (जिन्हें एलएलएम कहा जाता है) काफी हद तक अंग्रेजी में प्रशिक्षित होते हैं। लेकिन भाषा सिर्फ पाठ नहीं है, वह सांस्कृतिक मूल्यों, संदर्भ और स्वभाव का प्रदर्शक भी है।’
इस पेशकश के दौरान, अग्रवाल ने एआई चैटबॉट को भी प्रदर्शित किया, जो कृत्रिम द्वारा संचालित है। यह ओपनएआई के चैटजीपीटी और गूगल के बार्ड की तरह काम करता है।
ओला कृत्रिम मॉडल आसानी से विभिन्न भाषाओं के बीच स्विच कर सकता है और बांग्ला कविता से लेकर बॉलीवुड फिल्मों, स्वादिष्ट मसाला डोसा रेसिपी जैसे विषयों पर चर्चा कर सकता है। यह जनवरी 2024 से बीटा वर्जन में उपलब्ध होगा।