दुनिया की सबसे बड़ी रिटेलर वॉलमार्ट ने ई-कॉमर्स फर्म फ्लिपकार्ट में टाइगर ग्लोबल की हिस्सेदारी खरीदने के लिए 1.4 अरब डॉलर का भुगतान किया है। 2021 में जापान के सॉफ्टबैंक, वॉलमार्ट और अन्य निवेशकों को शेयर बेचे जाने के बाद इस सौदे से फ्लिपकार्ट का मूल्य 38 अरब डॉलर से घटकर 35 अरब डॉलर रह गया है।
टाइगर ग्लोबल के साथ साथ फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक बिन्नी बंसल और एक्सेल अपनी हिस्सेदारी वॉलमार्ट को बेचकर इस ई-कॉमर्स कंपनी से अब पूरी तरह बाहर निकल गए हैं।
सूत्रों का कहना है कि वॉलमार्ट का यह निवेश फ्लिपकार्ट को आईपीओ (Flipkat IPO) लाने की राह मजबूत बनाने की रणनीति का भी हिस्सा है।
फ्लिपकार्ट में टाइगर ग्लोबल की हिस्सेदारी खरीदने के लिए वॉलमार्ट द्वारा 1.4 अरब डॉलर चुकाने की खबर सबसे पहले वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित हुई। इस खबर में टाइगर ग्लोबल द्वारा इस संबंध में निवेशकों को भेजे गए पत्र का जिक्र किया गया था।
एक्सेल-इंडिया और अमेरिका की शुरू में फ्लिपकार्ट में 20 प्रतिशत से ज्यादा थी हिस्सेदारी
डेटा विश्लेषण फर्म ट्रैक्सकन के अनुसार, एक्सेल-इंडिया और अमेरिका, दोनों की शुरू में (2008 में) फ्लिपकार्ट में संयुक्त रूप से 20 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी थी। बाद में उन्होंने 2018 में फ्लिपकार्ट में वॉलमार्ट द्वारा बड़ी हिस्सेदारी खरीदे जाने के बाद अपनी हिस्सेदारी घटाकर करीब 6 प्रतिशत की।
2018 में, जब वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट में 16 अरब डॉलर का निवेश किया था, तो बेंगलूरु की इस फर्म का मूल्यांकन 21 अरब डॉलर से कम था। हालांकि एक्सेल ने 1.1 प्रतिशत की छोटी हिस्सेदारी बरकरार रखी थी, लेकिन 2023 में अब वह पूरी तरह बाहर हो गई है।
निवेश पर करीब 1.5 अरब-2 अरब डॉलर या 25-30 गुना प्रतिफल मिला
सूत्रों के अनुसार, इससे उसे अपने कुल निवेश पर करीब 1.5 अरब-2 अरब डॉलर या 25-30 गुना प्रतिफल हासिल हुआ है। इसी तरह, वॉलमार्ट द्वारा अधिगहण किए जाने के बाद टाइगर ग्लोबल की भी फ्लिपकार्ट में अल्पांश हिस्सेदारी थी, लेकिन अब वह करीब 3.5 अरब डॉलर के लाभ के साथ पूरी तरह इस कंपनी से बाहर हो गई है।
भले ही फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक सचिन बंसल ने 2018 में अपनी पूरी हिस्सेदारी वॉलमार्ट को बेच दी थी, लेकिन अन्य सह-संस्थापक बिन्नी बंसल ने वॉलमार्ट द्वारा अधिग्रहण किए जाने से पहले तक अपनी थोड़ी हिस्सेदारी बरकरार रखी थी।
बिन्नी बंसल ने अपनी शेष हिस्सेदारी भी वॉलमार्ट को बेचीं
बिन्नी बंसल अब अपनी शेष हिस्सेदारी (करीब 1-1.8 प्रतिशत) भी वॉलमार्ट को बेच चुके हैं। हालांकि बिन्नी बंसल कंपनी के बोर्ड में बने रहेंगे। वह फोनपे में भी निवेशक हैं।
इस घटनाक्रम से अवगत एक व्यक्ति ने कहा, ‘इन सभी निवेशकों को अपनी हिस्सेदारी बेचने के बाद काफी मोटा मुनाफा हुआ है।’
वॉलमार्ट इंक. के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्याधिकारी डग मैकमिलन ने बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ एक साक्षात्कार में कहा था कि कंपनी जरूरत पड़ने पर निवेश करेगी।