स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने शहरी इलाकों में स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे के लिए 3,4000 करोड़ रुपये आवंटन की घोषणा की है। यह धन प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) और 15वें वित्त आयोग के तहत आवंटित राशि में से खर्च किया जाएगा। मंत्रालय की ओर से आयोजित राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य कॉन्क्लेव में यह घोषणा की गई।
स्वास्थ्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन डायरेक्टर एलएम चांगसन ने राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (एनयूएचएम) के नए दिशानिर्देश भी पेश किए, जिसका मकसद सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर शहरी परिवारों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने में शहरी स्थानीय निकायों की भागीदारी से स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति में काफी सुधार होगा। उन्होंने कहा कि शहरी स्तर पर प्राथमिक और माध्यमिक स्वास्थ्य नेटवर्क को मजबूत करने की बहुत जरूरत है।
उन्होंने महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों में उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में इन राज्यों में शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के महत्त्वपूर्ण प्रभाव का हवाला देते हुए कहा, ‘स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने में शहरी स्थानीय निकायों की भागीदारी से स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति में काफी सुधार होगा और साथ ही यह शहरी निवासियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक किफायती और सुलभ बनाएगा।’
उन्होंने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से बेहतर स्वास्थ्य देखभाल वितरण में कमियों को दूर करने की अपील की।
आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव मनोज जोशी ने सहमति जताते हुए कहा कि शहरी आबादी की आवश्यकता के अनुसार और उनकी विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के लिए शहरी क्षेत्र में स्थित स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार मजबूत किया जाना जरूरी है।