अदाणी एंटरप्राइजेज के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को सोमवार को महज 3 फीसदी आवेदन मिले। यह इश्यू मंगलवार को बंद होगा और पूर्ण आवेदन के लिए उसे 13,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बोली की दरकार होगी। गौतम अदाणी की मूल कंपनी को हालांकि शेयर बिक्री में अबु धाबी की इंटरनैशनल होल्डिंग कंपनी (आईएचसी) से 40 करोड़ डॉलर यानी करीब 3,800 करोड़ रुपये का निवेश मिलेगा। यह निवेश इश्यू के आकार का करीब 16 फीसदी है और अंतिम दिन इसका निवेश किया जाएगा।
अभी तक इस इश्यू को महज 450 करोड़ रुपये की बोली मिली है। इसके अतिरिक्त अदाणी एंटरप्राइजेज को एंकर निवेशकों से 5,985 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता मिली है। मेबैंक सिक्योरिटीज ने एंकर श्रेणी में 2,040 करोड़ रुपये के शेयर के लिए आवेदन किया है, वहीं सरकारी स्वामित्व वाली एलआईसी ने 300 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयर में लगातार गिरावट आ रही है और यह एफपीओ कीमत से नीचे चला गया है, इसके बावजूद आईएचएसी ने निवेश की घोषणा की है। कंपनी का शेयर सोमवार को 3.9 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 2,761 रुपये पर बंद हुआ। कारोबारी सत्र में हालांकि यह शेयर 10 फीसदी चढ़कर 3,038 रुपये पर पहुंचा था।
अदाणी एंटरप्राइजेज का आखिरी
बंद भाव एफपीओ के कीमत दायरे 3,112 से 3,276 रुपये प्रति शेयर से 7.8 से 12.5 फीसदी कम है। आईएचसी के मुख्य कार्याधिकारी सैयद बसर शोएब ने कहा, एफपीओ में निवेश का फैसला हमारे आत्मविश्वास और कंपनी के फंडामेंटल में भरोसे पर आधारित है। हम लंबी अवधि के लिहाज से मजबूत बढ़त की संभावना देख रहे हैं।
यूएई के प्रेजिडेंट के भाई की अगुआई वाली कंपनी आईएचसी ने अदाणी समूह की कंपनियों में पिछले साल करीब 2 अरब डॉलर निवेश किया था। एंकर निवेशकों, आईएचसी के निवेश और दूसरे दिन के आवेदन को जोड़ लें तो भी अदाणी एंटरप्राइजेज को मंगलवार को अन्य निवेशकों से 9,000 करोड़ रुपये की बोली की दरकार होगी।
चूंकि कंपनी आंशिक चुकता शेयर जारी कर रही है, ऐसे में एफपीओ में भाग लेने वाले निवेशकों को 50 फीसदी रकम अभी चुकानी होगी और बाकी दो या दो से अधिक चरणों में देना होगा, जिसका फैसला कंपनी 18 महीने में करेगी। कंपनी व निवेश बैंकरों को भरोसा है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद मचे उथलपुथल के बावजूद एफपीओ कामयाब रहेगा।
अगर यह इश्यू 90 फीसदी आवेदन पाने में नाकाम रहता है तो अदाणी एंटरप्राइजेज के पास कीमत दायरा घटाने और इश्यू को तीन दिन आगे बढ़ाने का विकल्प होगा। कीमत दायरा घटाने का मतलब हालांकि यह होगा कि कंनपी को मौजूदा शेयरधारकों के लिए और इक्विटी बेचनी होगी।