रिटेल कंपनियों के लिए जुलाई-सितंबर तिमाही में सुस्त राजस्व वृद्धि दर्ज किए जाने का अनुमान है, क्योंकि इस अवधि के दौरान मांग लगातार कमजोर बनी रही। इसके अलावा, इस साल पिछले वर्ष की तुलना में त्योहारी सीजन में विलंब से भी मांग तीसरी तिमाही तक टल गई।
मोतीलाल ओसवाल ने इस क्षेत्र पर अपनी तिमाही परिणाम पूर्व समीक्षा रिपोर्ट में कहा है, ‘कच्चे माल की कीमतों में नरमी से सकल मार्जिन पर दबाव घट सकता है। हालांकि बिक्री में कमी से स्टोरों की उत्पादकता प्रभावित हो सकती है और इससे परिचालन पर दबाव बढ़ सकता है।’
ब्रोकरेज की रिपोर्टों के अनुसार, फिर भी, आभूषण और घड़ी निर्माता टाइटन मजबूत बिक्री वृद्धि के कारण अन्य कंपनियों के मुकाबले बेहतर हालत में रह सकती है।
इसमें यह भी कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही के लिए 18.8 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि संभव है, क्योंकि इसे स्टोरों की संख्या में बढ़ोतरी से मदद मिलने की संभावना है, लेकिन कमजोर मांग और ऊंचे आधार की वजह से सेम-स्टोर सेल्स नकारात्मक रहने की आशंका है।
आईआईएफएल सिक्योरिटीज ने रिटेल सेक्टर पर अपनी प्रीव्यू रिपोर्ट में कहा है, ‘दूसरी तिमाही में अधिक मास (जिसे हिंदुओं द्वारा अशुभ समझा जाता है) के बावजूद हमें टाइटन कंपनी द्वारा 18 प्रतिशत की मजबूत बिक्री वृद्धि दर्ज किए जाने की संभावना है। इसे स्टोरों की संख्या में तेज वृद्धि, लगातार नए खरीदारों द्वारा वृद्धि से मदद मिलेगी।’
अपैरल सेक्टर में कम शादियों, लगातार कमजोर खपत पैटर्न का भी कंपनियों पर नकारात्मक असर पड़ेगा। घरेलू ब्रोकरेज फर्म ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘ट्रेंट लगातार दूसरों से अलग बनी हुई है और हमें खासकर जूडियो में स्टोर संख्या बढ़ने से 44 प्रतिशत बिक्री वृद्धि का अनुमान है। हमें 13.4 प्रतिशत की कुल राजस्व वृद्धि (ट्रेंट को छोड़कर 5 प्रतिशत) की संभावना है।’
मोतीलाल ओसवाल को भी प्रीमियम और वैल्यू फैशन श्रेणियों, दोनों में सुस्ती बने रहने का अनुमान है। शॉपर्स स्टॉप और वी-मार्ट ने सेम-स्टोर सेल्स में एक अंक की गिरावट आने का संकेत दिया है।
निर्मल बांग ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सितंबर तिमाही उद्योग के लिए सीजन के हिसाब से कमजोर मानी जाती है और इस साल कमजोरी त्योहारों में विलंब की वजह से भी स्पष्ट दिख रही है।
ब्रोकरेज ने कहा है, ‘उसके कवरेज वाली दो रिटेल कंपनियां बाटा और वी-मार्ट धीमी वृद्धि दर्ज करेंगी और (खासकर वी-मार्ट द्वारा) 2019-20 की दूसरी तिमाही जैसी भी बिक्री हासिल किए जाने की संभावना नहीं है।’
ब्रोकरेज ने यह भी कहा है, ‘वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में वी-मार्ट के लिए पहले से घोषित राजस्व वृद्धि (जो हमारे अनुमान से 3 प्रतिशत कम थी), रिटेल क्षेत्र में विस्तार पर केंद्रित थी।’ मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि आदित्य बिड़ला फैशन ऐंड रिटेल पिछले साल के मुकाबले 7 प्रतिशत की कमजोर राजस्व वृद्धि दर्ज करेगी।