गुजरात के कच्छ जिले के जखाऊ बंदरगाह के पास शक्तिशाली चक्रवात ‘बिपारजॉय’ की संभावित दस्तक से पहले अधिकारियों ने राज्य के तटीय इलाकों से अब तक लगभग 50 हजार लोगों को निकालकर अस्थायी आश्रय शिविरों में स्थानांतरित किया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को बताया कि ‘बिपारजॉय’ के गुजरात तट की ओर बढ़ने के साथ सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र को तेज हवाओं एवं भारी बारिश का सामना करना पड़ा। आईएमडी ने कहा कि ‘बिपारजॉय’ बुधवार को मार्ग बदलने और उत्तर-पूर्व दिशा में कच्छ तथा सौराष्ट्र की ओर बढ़ने को तैयार है तथा यह गुरुवार शाम को जखाऊ बंदरगाह के पास टकराएगा।
इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को तीनों सेना प्रमुखों से बात की और चक्रवात ‘बिपारजॉय’ के प्रभाव से निपटने के लिए सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा की। तैयारियों की समीक्षा करने के बाद सिंह ने कहा कि सशस्त्र बल चक्रवात के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने में हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हैं।
सिंह ने ट्विटर पर कहा, ‘तीनों सेना प्रमुखों से बात की और चक्रवात ‘बिपारजॉय’ के संबंध में सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा की।’ उन्होंने कहा, ‘सशस्त्र बल चक्रवात के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति या आपात स्थिति से निपटने में अधिकारियों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हैं।’ राहत और बचाव कार्यों के लिए सेना, नौसेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) भी तैयार हैं।
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, बुधवार सुबह समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में देवभूमि द्वारका जिले के खंभालिया तालुक में सबसे ज्यादा 121 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। वहीं, द्वारका और कल्याणपुर में इस अवधि में क्रमश: 92 मिलीमीटर और 70 मिलीमीटर पानी बरसा।
प्रदेश राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने गांधीनगर में बताया कि जिन 50 हजार लोगों को निकाला गया है, उनमें से 18 हजार को कच्छ जिले के शिविरों में स्थानांतरित किया गया है, जबकि अन्य को जूनागढ़, जामनगर, पोरबंदर, देवभूमि द्वारका, मोरबी और राजकोट में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
पांडे के मुताबिक, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 15, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के 12, राज्य सड़क एवं भवन विभाग के 115 और प्रदेश विद्युत विभाग के 397 दलों को अलग-अलग तटीय जिलों में तैनात किया गया है। उन्होंने कहा, ‘विद्युत और सड़क एवं भवन विभाग के अधिकारी बिजली आपूर्ति और संपर्क बहाल करने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच चुके हैं। हमने बेहतर संवाद के लिए एचएएम रेडियो सेट और सैटेलाइट फोन से लैस विभिन्न दलों को भी क्षेत्रीय इलाकों में तैनात किया है।’
इससे पहले, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने चक्रवात के प्रकोप से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए मंगलवार रात राज्य सरकार के आपातकालीन संचालन केंद्र का दौरा किया। आईएमडी ने एक बुलेटिन में बताया कि 15 जून को चक्रवात के गुजरात तट पर पहुंचने के साथ ही राज्य में बारिश की तीव्रता बढ़ जाएगी और कच्छ, देवभूमि द्वारका तथा जामनगर में कुछ जगहों पर अत्यंत भारी बारिश होने के आसार हैं।
गुजरात तट पर स्थित मांडवी शहर के पारंपरिक जहाज निर्माता इस बात से चिंतित हैं कि चक्रवात से उनके उद्योग को बड़ा नुकसान पहुंच सकता है क्योंकि तट पर निर्माणाधीन जहाजों को सुरक्षा के लिए आसानी से स्थानांतरित नहीं किया जा सकता।