भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की उदारीकृत धनप्रेषण योजना (LRS) के तहत व्यक्तिगत निवासियों को विदेश भेजे जाने वाले धन में जुलाई 2023 में इसके पहले माह की तुलना में 39.36 प्रतिशत की कमी आई है। नजदीकी रिश्तेदारों के खर्च के लिए भेजे गए धन और निवेश में तेज गिरावट की वजह से ऐसा हुआ है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से जुलाई के लिए जारी मासिक बुलेटिन के मुताबिक योजना के तहत विदेश भेजा गया धन इस महीने में 2.36 अरब डॉलर रहा है, जो जून 2023 में 3.89 अरब डॉलर था। हालांकि वित्त वर्ष 22 में जुलाई में भेजे गए 1.982 अरब डॉलर की तुलना में 19.02 प्रतिशत ज्यादा है।
जुलाई महीने में जमा घटकर 5.012 करोड़ डॉलर रह गया, जो जून 2023 में 22.732 करोड़ डॉलर था। इसी तरह से इक्विटी/ऋण में निवेश जुलाई में घटकर 5.806 करोड़ डॉलर हो गया, जो जून 2023 में 31.473 करोड़ डॉलर था।
साथ ही अचल संपत्ति में खरीद भी जुलाई में घटकर 5.06 करोड़ डॉलर रह गई, जो जून में 31.473 करोड़ डॉलर थी। इस अवधि के दौरान नजदीकी रिश्तेदारों के खर्च के लिए भेजा गया धन 89.089 करोड़ डॉलर से घटकर 28.23 करोड़ डॉलर रह गया है।
डीएएम कैपिटल एडवाइजर्स लिमिटेड में मुख्य अर्थशास्त्री राधिका पिपलानी ने कहा, ‘एलआरएस में गिरावट की एक वजह धनप्रेषण को टालकर पहले यानी जून में करना है। एलआरएस कर योजना में बदलाव के कारण संभवतः लोगों ने पहले ही जून में ऐसा कर दिया था।’
केंद्रीय बजट 2023 में सरकार ने एलआरएस के तहत स्रोत पर कर संग्रह मौजूदा 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने की घोषणा की गई थी, जिसमें शिक्षा व इलाज को छोड़कर सभी मकसद से 7 लाख रुपये से ज्यादा भेजी गई राशि शामिल है।