यूट्यूब ने भ्रामक और फर्जी खबरों वाले वीडियो को हटाने की पहल शुरू कर दी है। कंपनी के प्रबंधन ने गुरुवार को कहा कि यूट्यूब गलत सूचना वाले सभी वीडियो को हटाने के बजाय सामग्री की प्रकृति और उसकी नीतियों के पालन न करने जैसे कारकों के आधार पर वीडियो को हटाती है।
हालांकि, कंपनी ने कहा कि वह उपयोगकर्ताओं को उन वीडियो को देखने की सिफारिश करने से बचती है जिनमें गलत जानकारी होती है लेकिन यह किसी व्यक्ति के लिए ज्यादा जोखिम पहुंचाने का कारण नहीं हो सकता है।
यूट्यूब में निदेशक (ग्लोबल हेड ऑफ रिस्पॉन्सिबिलटी) टिमोथी काट्ज का कहना है, ‘किसी सामग्री में गलत सूचना हो सकती है लेकिन यह हमारी सामग्री से जुड़ी नीतियों का उल्लंघन कर भी सकता है या नहीं भी कर सकता है।
उदाहरण के तौर पर अगर किसी ने यह वीडियो अपलोड किया है कि कोई व्यक्ति चंद्रमा पर नहीं गया गया है तो हमें लगता है कि यह एक ऐसा वीडियो है जिसे यूट्यूब पर बनाए रखने की अनुमति दी जानी चाहिए क्योंकि वास्तविक दुनिया को इससे कोई जोखिम नहीं पहुंचता है। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि हम उस सामग्री को देखने की सिफारिश करते हैं।’
गूगल ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट के अनुसार, यूट्यूब ने इस साल अप्रैल और जून के बीच 1.4 करोड़ से अधिक चैनलों को हटा दिया और कुल 8.6 करोड़ वीडियो हटा दिए गए। इस मंच से हटाए गए चैनलों में से 93.5 प्रतिशत चैनल भ्रामक या स्पैम थे। इनमें से लगभग 0.7 प्रतिशत चैनलों को गलत सूचना के कारण बंद कर दिया गया था।