बस, ट्रक, निर्माण उपकरण और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन साधन के मामले में दुनिया भर में अग्रणी वॉल्वो ग्रुप ने कर्नाटक में विनिर्माण बढ़ाने जा रही है। इसके लिए उसने कर्नाटक सरकार के साथ करार किया है, जिसके तहत बेंगलूरु के होसकोटे में कंपनी अपना चौथा अंतरराष्ट्रीय कारखाना बनाएगी। वॉल्वो ने इसके लिए कर्नाटक के बड़े और मझोले उद्योग मंत्री एमबी पाटिल की मौजूदगी में समझौता किया। समझौते पर राज्य उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव एस सेल्वकुमार और वॉल्वो इंडिया के प्रबंध निदेशक कमल बाली ने हस्ताक्षर किए। कंपनी विस्तार पर 1,400 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
नए कारखाने से 2,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार आने की उम्मीद है। साथ ही इसे निर्यात में तेज इजाफा होगा और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत का रुतबा भी बढ़ेगा। होसकोटे कारखाने में अभी हर साल 3,000 ट्रक और बस बन सकते हैं मगर अब उसकी क्षमता बढ़कर 20,000 बस, ट्रक हो जाएगी। यहां बने उत्पाद देसी और विदेशी दोनों बाजारों में जाएंगे। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने वॉल्वो के साथ 25 साल से चली आ रही राज्य की साझेदारी का जिक्र किया। उन्होंने राज्य में अधिक गुणवत्ता वाली बसें खास तौर पर लक्जरी बसें पेश करने के लिए कंपनी की सराहना की। उन्होंने जोर देकर कहा कि कर्नाटक सरकार वॉल्वो के कामकाज में मदद करने, स्थानीय लोगों के लिए रोजगार सुनश्चित करने और क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
वॉल्वो समूह के मुख्य कार्याधिकारी मार्टिन लनस्टेड ने इस निवेश का महत्त्व बताते हुए कहा कि होसकोटे इकाई के विस्तार से उत्पादन क्षमता ही नहीं बढ़ेगी बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत और कर्नाटक का स्थान भी मजबूत होगा। उन्होंने कहा, ‘इस विस्तार से हम हर साल 20,000 बस और ट्रक बना सकेंगे, भारतीय बाजार की मांग पूरी कर पाएंगे तथा रोजगार सृजन में अहम योगदान भी कर सकेंगे।’ होसकोटे का यह नया कारखाना पीन्या, होसकोटे और धारवाड़ में पहले से मौजूद वॉल्वो संयंत्रों के साथ मिलकर कंपनी के वैश्विक कामकाज में बड़ी भूमिका निभाएगा।