दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को चीन की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी वीवो से जुड़े धन शोधन मामले में लावा इंटरनेशनल मोबाइल कंपनी के प्रबंध निदेशक हरिओम राय की जमानत याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का रुख पूछा।
न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने एजेंसी से राय की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर भी जवाब देने को कहा, साथ ही दोनों याचिकाओं पर नोटिस जारी किया।
राय को पिछले साल अक्टूबर में ईडी ने वीवो-इंडिया के खिलाफ मामले में धन शोधन के आरोप में गिरफ्तार किया था। ईडी ने पहले वीवो-इंडिया और अन्य के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम की आपराधिक धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया था।
पिछले महीने एक अधीनस्थ अदालत ने राय को जमानत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि राहत का कोई आधार नहीं बनता। ईडी ने दावा किया है कि आरोपियों की कथित गतिविधियों ने वीवो-इंडिया को गलत तरीके से लाभ कमाने में सक्षम बनाया, जो देश की आर्थिक संप्रभुता के लिए हानिकारक था।
एजेंसी ने जुलाई 2022 में वीवो-इंडिया और उससे जुड़े लोगों पर छापेमारी की थी। ईडी ने तब आरोप लगाया था कि भारत में करों के भुगतान से बचने के लिए वीवो-इंडिया द्वारा 62,476 करोड़ रुपये की राशि “अवैध रूप से” चीन स्थानांतरित की गई थी।
कंपनी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह “अपने नैतिक सिद्धांतों का दृढ़ता से पालन करती है और कानूनी अनुपालन के लिए समर्पित है”।