टेस्ला ने देश में भले ही अपना पहला शोरूम खोला हो लेकिन भारत में उसकी शुरुआत धीमी रही है। इस बीच वियतनाम की प्रतिस्पर्धी कंपनी विनफास्ट तमिलनाडु के तूत्तुक्कुडि में अपने 2 अरब डॉलर के संयंत्र के उद्घाटन से कुछ दिन पहले ही ‘मेक इन इंडिया’ पहल को वैश्विक स्तर पर ले जाती दिख रही है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) दिग्गज की भारतीय इकाई को पहले ही नेपाल, श्रीलंका, पश्चिम एशिया और अफ्रीका से निर्यात ऑर्डर मिलने शुरू हो गए हैं।
यह ऐसे समय में हो रहा है जब भारत अनुकूल सरकारी नीतियों और बढ़ते बाजार पहुंच के दम पर वाहन के वैश्विक निर्यातक के रूप में तेजी से उभर रहा है। देश के मूल उपकरण विनिर्माताओं ने वित्त वर्ष 2025 में रिकॉर्ड 7,65,000 वाहनों का निर्यात किया, जो वित्त वर्ष 2024 में निर्यात किए गए 6,72,000 वाहन से 14 फीसदी अधिक है। विनफास्ट के तूत्तुक्कुडि संयंत्र से इस महीने के अंत तक उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है और आगामी त्योहारी सीजन तक वाहनों की आपूर्ति चालू हो सकती है।
विनफास्ट एशिया के मुख्य कार्याधिकारी फाम सान चाऊ ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘भविष्य में बाजार की मांग को पूरा करने के लिए कंपनी अपने संयंत्र की क्षमता बढ़ाएगी। हमें पहले ही पड़ोसी देशों नेपाल, श्रीलंका और पश्चिम एशिया तथा अफ्रीका से निर्यात के कुछ ऑर्डर मिल चुके हैं। आगे की जानकारी उचित समय पर घोषित की जाएगी।’ हालांकि विनफास्ट ने अपने संयंत्र में उत्पादन शुरू करने की तारीख अभी तय नहीं की है लेकिन सूत्रों का कहना है कि तूत्तुक्कुडि हवाईअड्डे पर नए टर्मिनल बिल्डिंग शुरू होने के साथ इसकी शुरुआत हो सकती है।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के सूत्र के अनुसार नई टर्मिनल बिल्डिंग 27 जुलाई को चालू हो सकती है। पिछले हफ्ते विनफास्ट की सहायक कंपनी विनफास्ट ऑटो इंडिया ने भारत में अपनी दो प्रीमियम इलेक्ट्रिक एसयूवी वीएनफ 7 और वीएनफ 6 के लिए बुकिंग शुरू कर दी। ग्राहक विनफास्ट शोरूम या इसकी वेबसाइट पर 21,000 रुपये में वाहन की बुकिंग करा सकते हैं। वाहन की आपूर्ति अगस्त तक होने की उम्मीद है। कंपनी ने तूत्तुक्कुडि संयंत्र में अगले 5 साल में 2 अरब डॉलर तक के निवेश की बात कही है। संयंत्र की उत्पादन क्षमता सालाना 1.50 लाख वाहन की होगी।
भारत सरकार विभिन्न पहलों जैसे फेम, पीएम ई-ड्राइव और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के माध्यम से कार विनिर्माताओं को 2030 तक निर्यात हिस्सेदारी बढ़ाकर 25 फीसदी करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। वर्तमान में निर्यात का योगदान करीब 14 फीसदी है।
निर्यात में मारुति सुजूकी की 43 फीसदी और ह्युंडै मोटर की 21 फीसदी हिस्सेदारी है। मारुति ने पिछले वित्त वर्ष में 3,32,585 वाहन का निर्यात किया था। ह्युंडै मोटर इंडिया ने वित्त वर्ष 2025 में 1,63,386 कारों का निर्यात किया।