भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम के कथित उल्लंघन के मामले में गूगल प्ले के बिलिंग सिस्टम (जीपीबीएस) के संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने जांच शुरू की है। इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले लोगों ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए यह जानकारी दी है। कोलकाता की होइचोई टेक्नोलॉजिज द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद यह जांच की जा रही है।
यह शिकायत भारत में गूगल के कई एग्रीगेटर प्लेटफार्मों के संचालन से संबंधित है, जो विदेशों में पंजीकृत हैं। इनमें सिंगापुर और अमेरिका भी शामिल हैं। गूगल के प्रवक्ता ने कहा ‘गूगल प्ले की बिलिंग प्रणाली कोई भुगतान प्रणाली नहीं है और हम संबंधित अधिकारियों को उनके सवालों के संबंध में जवाब दे रहे हैं।’ पता चला है कि आरबीआई पहले ही गूगल के अधिकारियों से मुलाकात कर चुका है तथा उसने अतिरिक्त जानकारी मांगी है।
होइचोई टेक्नोलॉजिज ने मामला अदालत में होने का हवाला देते हुए इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि अदालत का आदेश सुनाए जाने के बाद वह अपने विचार साझा करेगी। कंपनी ने इस मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की है। उद्योग के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि होइचोई जीपीबीएस की वैधता पर सवाल उठा रह है।
गूगल प्ले की बिलिंग प्रणाली ऐसी सेवा है जो ऐप डेवलपरों को एंड्रॉइड ऐप में डिजिटल उत्पाद और सामग्री बेचने की अनुमति प्रदान करती है। डेवलपर एकमुश्त उत्पाद या सदस्यता बेचने के लिए गूगल प्ले की बिलिंग प्रणाली का उपयोग कर सकते हैं।