भारत में प्रत्येक तीसरे मिनट में किसी न किसी व्यक्ति ने कोरसेरा पर जेन एआई सीखने के लिए पंजीयन कराया है। कोरसेरा की तरफ से जारी एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।
यह अध्ययन 2.22 करोड़ पंजीकृत लोगों पर आधारित है। इस अध्ययन में कहा गया है कि देश में जेन एआई को लेकर दिलचस्पी काफी बढ़ी है। इसके अनुसार पिछले साल की तुलना में जेनरेटिव एआई को लेकर खोज (सर्च) में चार गुना की बढ़ोतरी हुई है।
इस संबंध में जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस भारी भरकम मांग को पूरा करने के लिए दुनिया के अग्रणी विश्वविद्यालयों ने जेन एआई पर 35 से अधिक पाठ्यक्रम शुरू किए हैं। इससे उत्साहित होकर भारत में इस खंड में 1,96,000 लोगों ने पंजीयन कराएं हैं।
वर्ष 2023 में वैंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी द्वारा शुरू किया गया ‘प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग फिर चैट जीपीटी’ शीर्ष पाठ्यक्रमों में शुमार रहा।
कोरसेरा में प्रबंध निदेशक राघव गुप्ता ( भारत आई एपीएसी) ने कहा,’ वर्ष 2023 में कोरसेरा पर पाठ्यक्रम सीखने के प्रति भारत के लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ी। इन लोगों की जेन एआई, लीडरशिप, तकनीक और डेटा से जुड़े हुनर सीखने में काफी रुचि रही। इससे साबित होता है कि लोग न केवल अत्याधुनिक तकनीक को लेकर अधिक उत्साहित हो रहे हैं बल्कि वे डिजिटल क्रांति को आगे बढ़ाने और इसमें भागीदार बनने को लेकर भी उतने ही उत्साहित हैं ।’
ऑनलाइन पाठ्यक्रम मुहैया कराने वाली इस इकाई द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के लोग खासकर उन तकनीक को सीखने को लेकर अधिक ललक दिखा रहें हैं जिनकी मांग अधिक है ।
कोरसेरा पर 2023 में एंड्रयू एनजी का ‘जेनरेटेव एआई फॉर एवरीवन’ पाठ्यक्रम नए लोगों को तेजी से जोड़ने में सबसे आगे रहा। भारत में लोगों को जोड़ने में यह दूसरे पायदान पर रहा।
गुप्ता ने कहा, ‘आने वाले वर्षों में हम जेन एआई का इस्तेमाल शिक्षा के स्वरूप में व्यापक बदले लाने और समावेशी पढ़ाई को बढ़ावा देने में करेंगे। अब एआई का महत्व बढ़ता ही जा रहा है इसलिए लोगों में नई तकनीक सीखने की चाहत हमेशा बनी रहेगी। तकनीक और मानव हुनर पर विशेष रूप से ध्यान रहेगा।’