इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की दिशा में पहल महामारी के बावजूद कमजोर नहीं पड़ी है, और इन वाहनों के व्यक्गितगत इस्तेमाल में अच्छी तेजी आई है।
हालांकि पिछले साल के 605 के मुकाबले इस वित्त वर्ष के पहले 6 महीनों में वाहन मालिकों या ऑपरेटरों के लिए बिक्री 82 प्रतिशत घटकर 109 रह गई। लेकिन कुल मिलाकर ईवी बाजार ने 140 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की है।
कर्मचारी परिवहन और ई-मोबिलिटी सेगमेंट में फ्लीट सेगमेंट शामिल है जबकि पर्सनल सेगमेंट व्यक्तिगत खरीदारी से जुड़ा हुआ है। टाटा मोटर्स के अध्यक्ष (यात्री वाहन व्यावसायिक इकाई) शैलेश चंद्रा ने बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि फ्लीट सेगमेंट में गिरावट पर्सनल यूज सेगमेंट की बिक्री में आए सुधार के मुकाबले ज्यादा रही।
टाटा मोटर्स द्वारा मुहैया कराए गए आंकड़ों के अनुसार, इस साल अप्रैल-सितंबर के दौरान उद्योग ने व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए 1,765 ईवी की बिक्री की। यह पिछले साल के मुकाबले करीब 10 गुना थी।
पिछले साल पर्सनल सेगमेंट में बिक्री नहीं हुई, लेकिन टाटा मोटर्स ने इस साल के पहले 6 महीनों के दौरान 1,151 ईवी की बिक्री की।
डीजल ऑटोमेटिक वैरिएंट के मुकाबले 10 प्रतिशत ज्यादा प्रतिस्पर्धी कीमत वाले नेक्सन ईवी ने हर महीने करीब 400 वाहनों की बिक्री दर्ज की है।
उन्होंने कहा, ‘जब हम नेक्सन के साथ आगे आए तो बाजार में दोपहिया वाहन मौजूद थे। नेक्सन को अच्छी सफलता मिली है और ईवी बाजार में इसका 60-62 प्रतिशत नियंत्रण है। ईवी क्षेत्र में चार कंपनियों द्वारा 5-6 उत्पादों ने लोकप्रियता हासिल की है।’
चंद्रा के अनुसार, ईवी सेगमेंट ने उन उपभोक्ताओं पर ध्यान दिया है जो कार खरीदना चाहते हैं। ईवी ग्राहक शुरू में काफी उत्साहित थे और उनकी अलग अलग जरूरतें थीं। वे अब नई प्रौद्योगिकी को पसंद करते हैं या कम कार्बन उपस्थिति से परहेज करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘जहां फ्लीट सेगमेंट प्रभावित हुआ है, वहीं पर्सनल सेगमेंट हर महीने बढ़ेगा। अन्य दो ईवी मॉडल आईसी (इंटरनल कम्बश्चन) सेगमेंट के लिए उपलब्ध 100 मॉडलों के मुकाबले ऊंची कीमत वाले हैं।’
कंपनी के लिए फ्लीट सेगमेंट की शुरुआत लाभकारी व्यवसाय के तौर पर हुई, लेकिन तब इसने पर्सनल सेगमेंट पर काम शुरू किया था, लेकिन इसके लिए किसी तरह का प्रोत्साहन नहीं था।
पिछले साल की दूसरी छमाी में मॉडलों की पेशकश और केंद्र तथा दिल्ली जैसे राज्यों की नीतियों से बिक्री को बढ़ावा मिला।
चंद्रा ने कहा कि नेक्सन स्पष्ट रूप से विजेता थी, क्योंकि कंपनी ने दो आधारों के इर्दगिर्द उत्पाद की अवधारणा तैयार की- पहला, लोग समान सेगमेंट में आईसी आर के मुकाबले 25-30 प्रतिशत ज्यादा चुकाने को इच्छुक नहीं थे और दूसरा, 200-किलोमीटर रेंज (दूरी, जो एक वाहन सिर्फ एक बार फुल चार्ज पर तय कर सकता है)। इस मॉडल का ईवी वैरिएंट 13.99 लाख रुपये का है जबकि डीजल वर्सन 12-13 लाख रुपये के बीच की कीमत पर उपलब्ध है। दिल्ली सरकार द्वारा 1.5 लाख रुपये की रियायत दिए जाने के बाद, ईवी वैरिएंट डीजल के मुकाबले सस्ता है।
चंद्रा ने कहा कि हालांकि खरीदारी के प्रोफाइल में बदलाव मुख्य रूप से टैक्सियों के कम होने और संक्रमण की आशंका की वजह से आया है, क्योंकि उपभोक्ता ईवी के साथ ज्यादा सहज महसूस कर रहे थे।
टाटा मोटर्स ने अपने टियागो मॉडल के साथ ईईएसएल (एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड) निविदा के जरिये ईवी क्षेत्र में प्रवेश किया। बाद में, उसने फ्लीट सेगमेंट में प्रवेश किया, जहां फेम (इलेक्ट्रिक वाहनों पर तेजी से अमल एवं निर्माण) जैसे प्रोत्साहन मौजूद थे।
टाटा मोटर्स इलेक्ट्रिक बस सेगमेंट में अग्रणी है जिसमें फेम 1 और 2 पर जोर दिया गया था। ईवी बाजार में 2017 से मांग में तेजी आनी शुरू हुई, जब सरकार ने कई तरह के प्रोत्साहन मुहैया कराए और 2030 का विजन पेश किया।
