भारत में सॉफ्टवेयर डेवलपरों की बढ़ती संख्या, कृत्रिम मेधा (एआई) से जुड़ी परियोजनाओं की बड़ी तादाद और कौशल विकास की बढ़ती आकांक्षा ऐसी कुछ वजहें हैं, जिनसे माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और मुख्य कार्य अधिकारी (सीईओ) सत्य नडेला को भारत और इसके भविष्य से बहुत उम्मीद हैं। नडेला का कहना है कि भारत इस दशक के अंत तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। हाल ही में ब्रिटेन को पछाड़कर भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया।
तीन साल के अंतराल के बाद भारत आए नडेला ने मुंबई में ‘माइक्रोसॉफ्ट फ्यूचर रेडी लीडरशिप’ सम्मेलन में मौजूद देश के शीर्ष सीईओ को संबोधित करते हुए कहा, ‘गिटहब दुनिया भर के डेवलपरों का सबसे बड़ा ठिकाना है और भारत डेवलपरों के तंत्र में दूसरा सबसे ज्यादा योगदान करने वाला देश है। एआई परियोजनाओं के मामले में भारत पहले स्थान पर है। अगर अगला बड़ा दौर एआई का होने जा रहा है और यहां मानव संसाधन पहले से ही है और कई नए प्रयोग भी हो रहे हैं।’
चार दिन के लिए भारत आए नडेला ने कहा कि भारत में कौशल बढ़ाने का अरमान बहुत अधिक दिखता है। उन्होंने कहा, ‘लिंक्डइन के आंकड़ों के अनुसार भारत में कौशल हासिल करने की दर दोगुनी है। श्रम बल में सबसे अहम बात होती है कि कौशल के मामले में वह कितना अपडेटेड है और उस पर उसे कितना फख्र है। बाजार ताकतों से उसका इनाम भी मिल रहा है।’ नडेला ने कहा कि भारत और दुनिया भर के देश अनिश्चितता की जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, उन्हें देखते हुए कंपनियों के लिए कम संसाधनों में अधिक से अधिक हासिल करना बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा, ‘इसमें क्लाउड पासा पलट देगा, जबकि अभी तो उसकी शुरुआती ही है। काम के बोझ के लिहाज से क्लाउड 70-80 फीसदी ऊर्जा बचा देता है। आप ऊर्जा का इस्तेमाल तभी करते हैं, जब उसकी जरूरत पड़ती है।’ नडेला ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट दुनिया भर में 60 से अधिक क्षेत्रों, 200 से अधिक डेटा केंद्रों में निवेश कर रही है। कंपनी भारत में भी हैदराबाद में अपना चौथा क्षेत्र स्थापित कर रही है। उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि क्लाउड हर जगह मौजूद हो।’ वर्ष 2025 तक अधिकतर ऐप्लिकेशन क्लाउड के बुनियादी ढांचे पर बनाए जाएंगे।
माइक्रोसॉफ्ट ने भारत में 32 साल से अधिक समय तक काम किया है। भारत कंपनी के लिए नवाचार और बेहतर संसाधनों का केंद्र है। नडेला ने कहा कि जब वास्तविक समस्याएं हल करने के लिए एआई के इस्तेमाल की बात आएगी तो भारत सबसे आगे रहेगा। उन्होंने कहा, ‘जब डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं की बात आती है तब भी भारत सबसे आगे है।’
नडेला बोले, ‘ज्ञान के क्षेत्र से जुड़े सभी कर्मचारी ज्यादा रचनात्मक होंगे, खुद को बेहतर अभिव्यक्त करेंगे और उनकी उत्पादकता भी बढ़ेगी। अग्रिम पंक्ति के कामगार पहले से कहीं ज्यादा ज्ञानपरक काम करेंगे। डिजाइन से जुड़े सभी काम ज्यादा उत्पादक होने जा रहे हैं चाहे सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग हो, मैकेनिकल डिजाइन हो या वास्तुकला हो।’ नडेला ने छह बिंदुओं पर जोर देते हुए कहा कि कारोबार काम को क्लाउड पर डालें, डेटा का एकीकरण करें और एआई मॉडल को प्लेटफॉर्म बनाएं।