चीन से आयातित दुर्लभ मैग्नेट की किल्लत से इस साल मर्सिडीज बेंज इंडिया की कोई भी नई पेशकश प्रभावित नहीं होगी और न ही उत्पादन में कोई कटौती होगी। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अपनी परफॉर्मेंस कारों एएमजी-जीटी 63 और जीटी 63 प्रो की पेशकश के मौके पर बिजनेस स्टैंडर्ड से बात करते हुए मर्सिडीज बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक संतोष अय्यर ने कहा कि दुर्लभ मैग्नेट जुटाने के मामले में वे इस साल ‘अनुकूल स्थिति’ में हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि दुर्लभ मैग्नेट के संकट की वजह से उत्पादन में कटौती या लॉन्च की समय-सीमा में किसी तरह की देरी की कोई योजना नहीं है।
जीटी63 (कीमत 3 करोड़ रुपये) की डिलिवरी कैलेंडर वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में शुरू होगी। इसके बाद जीटी 63 प्रो (कीमत 3.65 करोड़ रुपये) की डिलिवरी 2026 की पहली तिमाही में की जाएगी।
साउथ चाइना पोस्ट ने यूरोपीय संघ के अधिकारियों के हवाले से खबर दी है कि चीन ने यूरोपीय कंपनियों को रेयर अर्थ एलीमेंट्स और मैग्नेट के निर्यात लाइसेंस देने शुरू कर दिए हैं। पिछले कुछ हफ्तों से यूरोपीय संघ की सरकारें और कंपनियां इस मुद्दे पर चीनी अधिकारियों के साथ बातचीत करती आ रही हैं और निर्यात प्रतिबंधों को नरम कराने की कोशिश में लगी हुई हैं।
जून की शुरुआत में चीन ने संकेत दिया था कि वह यूरोपीय संघ की कंपनियों की अनुमोदन प्रक्रियाओं में तेजी लाने और निर्यात लाइसेंस आवेदनों के लिए पात्र कथित ‘ग्रीन-चैनल’ स्थापित करने को तैयार है।
रॉयटर्स ने जून के पहले सप्ताह में खबर दी थी कि मर्सिडीज बेंज में उत्पादन से जुड़े अधिकारी जॉर्ज बर्जर ने संकेत दिया है कि वह संभावित आपूर्ति व्यवधानों से बचाने के लिए स्टॉकपाइल जैसे ‘बफर’ बनाने के बारे में शीर्ष आपूर्तिकर्ताओं से बात कर रहे हैं। इस समय मर्सिडीज इस तरह की किसी भी कमी से प्रभावित नहीं है।
मर्सिडीज बेंज का भारत में पिछले 30 वर्षों के इतिहास में 2024 अब तक का सर्वश्रेष्ठ वर्ष रहा। इसमें उसने 19,565 वाहन बेचे और 12.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। 2024 में पहली बार लक्जरी कारों की बिक्री 51,000 वाहनों तक पहुंच गई। इस साल ईवी के लिए लक्जरी कार सेगमेंट ने मांग में शानदार वृद्धि दर्ज की है।