साल 2024-25 की पहली छमाही में यात्री वाहनों की स्थिर बिक्री वाहन उद्योग के लिए ‘कुछ हैरानी’ वाली थी, खास तौर पर इसलिए कि मई और जून में बिक्री उम्मीद के मुताबिक नहीं रही।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के अध्यक्ष शैलेश चंद्रा ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हालांकि यात्री वाहन उद्योग को त्योहारी सीजन की वजह से दूसरी छमाही के दौरान बिक्री में अच्छी वृद्धि की उम्मीद है और इसलिए पूरे 2024-25 में ‘पांच प्रतिशत से कम’ वृद्धि दर्ज किए जाने की उम्मीद है।
सायम ने सोमवार को खुलासा किया कि साल 2024-25 की पहली छमाही के दौरान यात्री वाहनों की घरेलू थोक बिक्री (डीलरों को भेजी गई खेप) में पिछले साल के मुकाबले 0.53 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज की गई, जो 20.81 लाख रही।
चंद्रा ने कहा ‘वित्त वर्ष की शुरुआत में त्रिकोणीय दृष्टिकोण पांच से आठ प्रतिशत की वृद्धि का थी। पहली छमाही के लिए उम्मीद कुछ बेहतर थी। यह थोड़ा आश्चर्यजनक रहा, खास तौर मई और जून, जो हमारी उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहे। मई और जून ने हमें बुरी तरह प्रभावित किया।’ चंद्रा टाटा मोटर्स के यात्री वाहन और इलेक्ट्रिक वाहन (EV) अनुभागों के प्रबंध निदेशक भी हैं।
उन्होंने बताया, ‘सितंबर में बिक्री बढ़ी, लेकिन फिर श्राद्ध की अवधि ने इसे चोट पहुंचा दी। दूसरी छमाही पर अब बड़ा बोझ है। इसी वजह से हमें वित्त वर्ष 25 में पांच प्रतिशत से कम वृद्धि की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि पहली छमाही में स्थिर बिक्री के पीछे प्रमुख कारण अधिक आधार का असर है।
उन्होंने कहा ‘अधिक आधार प्रमुख वजह है। पिछले साल उद्योग ने 42 लाख वाहनों की वार्षिक बिक्री दर्ज की। मांग मजबूत है और यही कारण है कि घरेलू बिक्री उस स्तर पर बनी हुई है। आम तौर पर सीएजीआर ( सालाना चक्रवृद्धि दर) स्तर पर उद्योग की वृद्धि दर जीडीपी जितनी होती है। इसलिए आने वाले वर्षों में यह छह से आठ प्रतिशत (जीडीपी की तरह) होनी चाहिए।
वाहन डीलरों के पास वाहनों के अधिक स्टॉक के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने जवाब दिया, ‘आम तौर पर दूसरी तिमाही में त्योहारी सीजन के लिए स्टॉक का स्तर अधिक होता है। हालांकि हमारे (सायम) पास पूरे उद्योग के स्टॉक के आंकड़े नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘किसी भी वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में उद्योग में स्टॉक का निर्माण होता है। दूसरी तिमाही में थोक बिक्री अधिक होती है। तीसरी तिमाही ज्यादा खुदरा बिक्री वाली अवधि होती है।