JSW MG Motor India: तमाम तरह के कारोबार वाले जेएसडब्ल्यू समूह ने चीन की नामी वाहन कंपनी एसएआईसी मोटर के साथ मिलकर साझा उपक्रम बनाने की घोषणा की है, जिसके तहत हर 3 से 6 महीने में एक नई कार देसी बाजार में उतारी जाएगी। साझे उपक्रम का नाम जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया है, जिसमें जेएसडब्ल्यू समूह की 35 फीसदी हिस्सेदारी है।
एमजी मोटर इंडिया का स्वामित्व एसएआईसी मोटर के ही पास है। साझे उपक्रम वाली कंपनी नए ईंधन और पेट्रोल, डीजल से चलने वाले वाहनों के विकास पर 5,000 करोड़ रुपये निवेश करेगी। दोनों साझेदार भारत और निर्यात बाजार के लिए वाहन बनाएंगे। कंपनी की योजना सालाना उत्पादन को 1 लाख कार से बढ़ाकर 3 लाख कार तक ले जाने की भी है।
जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया की आगे की योजना बताते हुए एमजी मोटर इंडिया के मानद सीईओ राजीव छाबा ने कहा कि साझे उपक्रम वाली कंपनी इस साल सितंबर से हर तीन से छह महीने में एक नई कार पेश करेगी। कंपनी प्रीमियम वाहन श्रेणी में उतरेगी और प्लग-इन हाइब्रिड वाहन भी भारतीय बाजार में लाएगी।
जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया के संचालन समिति के सदस्य पार्थ जिंदल ने कहा कि भारत के वाहन बाजार में वृद्धि का जबरदस्त मौका है। 2023 में करीब 40 लाख वाहन बिके थे, जो आंकड़ा चार साल में ही 1 करोड़ तक जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘भारत का सकल घरेलू उत्पादन फिलहाल 4 लाख करोड़ यानी 4 ट्रिलियन डॉलर का है, जहां चीन 2005 में पहुंच चुका था। उस साल चीन में करीब 40 लाख यात्री वाहन बिके थे और 2023 में बिक्री का आंकड़ा करीब 2.5 करोड़ रहा। इनमें से करीब 80 लाख इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) ही थे।’
पार्थ ने कहा कि जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया का लक्ष्य 2030 तक नए ईंधन से चलने वाले वाहनों के बाजार में 33 फीसदी हिस्सा हासिल करना है। नए ईंधन वाले वाहनों में केवल ईवी के साथ प्लग-इन हाइब्रिड वाहन भी हैं।
नई कंपनी ने यह तो नहीं बताया कि प्लग-इन हाइब्रिड वाहन कब तक लाए जाएंगे मगर जेएसडब्ल्यू समूह के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सज्जन जिंदल ने कहा कि प्लग-इन हाइब्रिड वाहन तकनीक डीजल-पेट्रोल वाहनों से ईवी तक पहुंचने के बीच का पड़ाव है।
उन्होंने कहा, ‘कल्पना कीजिए कि हमारे पास ऐसी कार होगी जो रोजाना 100 से 150 किलोमीटर बैटरी से चल सकती है शहर के अंदर यह बेहद कारगर होगी। अगर कोई इसे शहर से बाहर ले जाना चाहे तो पहले 100 किलोमीटर का सफर यह बैटरी से पूरा करेगी और उसके बाद पेट्रोल-डीजल से चलने लगेगी। जब तक चार्जिंग की सुविधा पूरी तरह विकसित नहीं होती तब तक इसे आजमाया जा सकता है।’
जिंदल ने नए ईंधन वाले वाहनों की तुलना मारुति के शुरुआती दौर से की और कहा कि वह इस अवसर के लिए बेहद उत्साहित हैं। मारुति सुजूकी और टोयोटा भारत में हाइब्रिड कारें बेचती हैं जबकि स्कोडा का कहना है कि भारत के लिए प्लग-इन हाइब्रिड वाहन लाने का कोई तुक नहीं है।
हाइब्रिड वाहनों को बाहर से चार्ज करने की जरूरत नहीं होती है मगर प्लग-इन हाइब्रिड को बिजली से चार्ज किया जा सकता है। प्लग-इन हाइब्रिड वाले इलेक्ट्रिक वाहन लंबी दूरी तक चल जाते हैं मगर हाइब्रिड वाहन काफी हद तक पेट्रोल-डीजल पर निर्भर होते हैं।
साझे उपक्रम वाली कंपनी गुजरात के हलोल संयंत्र की उत्पादन क्षमता बढ़ाएगी और नए ईंधन से चलने वाले वाहन बनाने पर ध्यान देगी। इससे कंपनी की उत्पादन क्षमता सालाना 1 लाख वाहनों से बढ़कर 3 लाख वाहनों तक पहुंच जाएगी। जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया शोध, विकास और तकनीकी दक्षता बढ़ाने के लिए अपना शोध एवं विकास केंद्र खोलेगी।