प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
देश का तिपहिया वाहन बाजार स्थिर रफ्तार के साथ वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही में प्रवेश कर चुका है। त्योहारी सीजन की तेजी और अप्रैल से सितंबर की अवधि के दौरान संतोषजनक प्रदर्शन से इसे मदद मिली। उद्योग के विश्लेषकों का कहना है कि मांग के संकेतक पहली छमाही का रुझान जारी रहने की ओर इशारा कर रहे हैं। लिहाजा, समूचे वर्ष की वृद्धि दर एक अंक के मध्य स्तर पर दिख रही है।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सायम) के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में थोक बिक्री पिछले साल की तुलना में 5.5 प्रतिशत बढ़कर 3,94,450 हो गई। इसे जुलाई में जोरदारा वृद्धि से मदद मिली। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) द्वारा दर्ज खुदरा बिक्री इसी अवधि में 3.8 प्रतिशत बढ़कर 6,18,236 हो गई। हालांकि मई से जुलाई तक अच्छी वृद्धि दर्ज की गई, लेकिन अगस्त और सितंबर में अस्थायी गिरावट देखी गई।
त्योहारी महीने ने अब इस आधार में और इजाफा कर दिया है। अक्टूबर में खुदरा बिक्री 5.4 प्रतिशत बढ़कर 1,29,517 हो गई। थोक बिक्री 5.9 प्रतिशत बढ़कर 81,288 पहुंची। इससे दूसरी छमाही के स्थिर रहने की उम्मीदें और पुख्ता हो गईं।
प्राइमस पार्टनर्स के सलाहकार अनुराग सिंह ने कहा, ‘पहली छमाही को बढ़ावा देने वाले कारक – अंतिम छोर तक की कनेक्टिविटी, मझोले और छोटे शहरों में बढ़ती मांग तथा छोटे वजन की ढुलाई में वृद्धि – लगातार मजबूत बने हुए हैं।’ उन्हें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही की वृद्धि दर 5 से 6 प्रतिशत के दायरे में रहेगी, जो मोटे तौर पर पहली छमाही जैसी ही रहेगी। समूचे वर्ष की वृद्धि लगभग 7 प्रतिशत रहने की संभावना है।
यात्री तिपहिया वाहनों ने इस श्रेणी में दबदबा बरकरार रखा हुआ है। हालांकि छोटी दूरी की लॉजिस्टिक मांग के कारण माल ढुलाई वाली छोटी श्रेणी कुछ तेजी से बढ़ रही है। साथ ही निर्यात भी स्थिर रहा है।
सिंह ने बताया कि वित्त वर्ष 26 की शुरुआत सामान्य की तुलना में ज्यादा मजबूती के साथ हुई। मूल्य में कमी का लाभ उठाने के लिए आम तौर पर मार्च में होने वाली खरीदारी में उछाल के बावजूद अप्रैल में बिक्री वृद्धि देखी गई। अक्टूबर में त्योहारों के जोर ने शेष वर्ष के लिए मनोबल और मजबूत किया है।