बांग्लादेश में चल रहे मौजूदा आंदोलन से भारत के दोपहिया उद्योग को झटका लगा है। बजाज ऑटो, हीरो मोटोकॉर्प और टीवीएस मोटरसाइकल के पास संयुक्त रूप से 50 फीसदी बांग्लादेश की बाजार हिस्सेदारी है। उद्योग के सूत्रों के मुताबिक बांग्लादेश का दोपहिया बाजार घटकर करीब 3.80-4.0 लाख वाहन तक रह जाने की आशंका है और इसमें पिछले साल के मुकाबले करीब 15-20 फीसदी की गिरावट आ सकती है।
हालांकि यह भारतीय दोपहिया दिग्गजों की वैश्विक बिक्री का छोटा हिस्सा भर है लेकिन मौजदा संकट से इस वित्त वर्ष के उनके निर्यात आंकड़ों पर असर पड़ सकता है। साल 2023 में बांग्लादेश में दोपहिया की बिक्री घटकर पांच साल के निचले स्तर 4,61,805 वाहन रह गई थी। एक सूत्र ने कहा कि बांग्लादेश में सबकुछ बंद है। इसका वहां हमारे बिक्री परिचालन और सीकेडी वाहनों पर गंभीर असर होगा। इस साल बिक्री घटकर 4 लाख के नीचे जाने की आशंका है।
जून में बांग्लादेश में आंदोलन शुरू होने के बाद शायद ही मांग देखने को मिली है। सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश के बाद आंदोलन भड़का जिसमें अदालत ने स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को नौकरी में 30 फीसदी आरक्षण बहाल किया था।
आर्थिक मंदी, महंगाई के दबाव और दोपहिया पर उच्च आयात शुल्क (जिससे ऊंची कीमतों का दौर शुरू हुआ) के कारण देश में दोपहिया की बिक्री पहले से ही घट रही है। डेली स्टार ने उत्तरा मोटर्स (जो बांग्लादेश में बजाज ऑटो की एकमात्र वितरक व विनिर्माता है) के हवाले से एक खबर में कहा है कि कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 2023 में 28 फीसदी (1,27,928 वाहन) थी जो इससे पहले 2022 में 2,17,180 वाहन रही थी।
उद्योग के एक सूत्र ने कहा कि हीरो की हिस्सेदारी करीब 17 फीसदी है और टीवीएस मोटर की करीब 10 फीसदी। टीवीएस मोटर के मुख्य कार्याधिकारी के एन राधाकृष्णन ने विश्लेषकों से बातचीत में कहा कि हम बांग्लादेश में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। संख्या के लिहाज से यह छोटा है। हमारा मानना है कि कुछ महीनों में मामला ठीक हो जाएगा। टीवीएस के लिए ये मजबूत बाजार हैं। पिछले साल टीवीएस ऑटो ने करीब 60,596 वाहन बेचे।
दूसरी ओर हीरो के लिए बांग्लादेश भारत से बाहर की बिक्री में करीब 10-20 फीसदी का योगदान करता है। देश में ऊंची कीमत वाले दौर की एक बड़ी वजह 45 फीसदी आयात शुल्क है। साथ ही बढ़ती महंगाई ने भी बिक्री पर असर डाला है।
बांग्लादेश ब्यूरो ऑफ स्टेस्टिक्स के मुताबिक, बांग्लादेश की महंगाई दर इस साल जून में 9.72 फीसदी रही जबकि मई में 9.90 फीसदी थी। इसके अतिरिक्त आरक्षण विरोधी आंदोलन में तीन हफ्तों के दौरान करीब 440 लोगों की मौत हो गई। भारतीय कंपनियों की बांग्लादेश के कार, बस व तिपहिया बाजारों में भी खासी हिस्सेदारी है।