केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आगामी ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जीपीएआई) शिखर सम्मेलन में घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर के लिए भारत सदस्य देशों से बातचीत कर रहा है। यह शिखर सम्मेलन 12 से 14 दिसंबर तक नई दिल्ली में प्रगति मैदान के भारत मंडपम में आयोजित किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमें उम्मीद है कि शीघ्र ही घोषणा पत्र पर आम सहमति बन जाएगी।
उन्होंने कहा कि आज आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) को लेकर दुनिया की सोच एक जैसी हो रही है। लोग एआई से उभरने वाले खतरों, इसके लाभ और संभावनाओं से भलीभांति वाकिफ हैं। पूरा विश्व यह भी चाहता है कि इस पर एक अंकुश अवश्य रहे। इस पर भी कमोबेश सब एकमत हैं कि एआई को लेकर कैसे आगे बढ़ा जाए। इसलिए हमारा उद्देश्य ऐसा साझा बयान तैयार करना है, जिस पर सब सहमत हों।
पत्रकारों से बातचीत में सोमवार को केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इसमें 28 सदस्य देशों के साथ-साथ यूरोपीय संघ और कुछ अतिथि देशों के प्रतिनिधि एवं गणमान्य लोग हिस्सा लेंगे।
शिखर सम्मेलन के बारे में उन्होंने बताया कि इस शिखर सम्मेलन में बड़े स्तर पर स्टार्टअप, अकेडमिया और एआई से जुड़े हितधारक शामिल होंगे। सम्मेलन के दौरान तीन दिनों में एआई को कैसे अधिक जिम्मेदार बनाया जाए, इसका इस्तेमाल किस प्रकार हो और इससे जुड़े नियम कायदों को कैसे संतुलित तरीके से संभाला जाए, जैसे विषयों पर सत्र आयोजित किए जाएंगे।
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पिछले साल तोक्यो में आयाजित सम्मेलन में दो-तिहाई बहुमत से भारत को जीपीएआई की अध्यक्षता के लिए चुना गया था। इस सम्मेलन से पहले इसी तरह का यूकेएआई सम्मेलन बैलेचले पार्क में आयोजित हो चुका है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर शामिल हुए थे।
कुछ दिन पहले ही यूरोपीय संघ ने एआई के इस्तेमाल के लिए नियमों की घोषणा की है। ऐसे में जीपीएआई सम्मेलन में होने वाली चर्चाओं का महत्व बढ़ जाता है। एआई को विनियमित करने के लिए यूरोपीय संघ की तीन शाखाओं- संसद, परिषद और आयोग के बीच 36 घंटे चली बहस के बाद आम सहमति बनी थी। इन नियमों पर यूरोपीय संघ की संसद अगले वर्ष की शुरुआत में मतदान करेगी और ये नियम 2025 से लागू हो जाएंगे। इस प्रकार एआई को विनियमित करने वाला यूरोपीय संघ पहला क्षेत्र बन जाएगा। क्योंकि, अमेरिका, ब्रिटेन और चीन काफी समय से एआई को लेकर नियम बनाने की कवायद में जुटे हैं।
वर्ष 2020 में अिस्तत्व में आए जीपीएआई में अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, मैक्सिको, न्यूजीलैंड, कोरिया और सिंगापुर आदि शामिल हैं। भारत इसका संस्थापक सदस्य है।