facebookmetapixel
Editorial: बाजार में एसएमई आईपीओ की लहरराष्ट्र की बात: कहानियां गढ़ने में डीपफेक से पैदा हुई नई चुनौतीजलवायु परिवर्तन नहीं सत्ता परिवर्तन असल मुद्दा!क्विक कॉमर्स में स्टार्टअप की नई रणनीतिपिछड़ा अरट्टई, व्हाट्सऐप फिर नंबर एक; एआई सर्च इंजन परप्लेक्सिटी ने भारतीयों का ध्यान ज्यादा खींचा‘पाक से रिश्ते भारत की कीमत पर नहीं’…अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा – भारत के साथ हमारी दोस्ती गहरीसिल्क सिटी भागलपुर के रेशम का घुट रहा दम, ट्रंप टैरिफ से बढ़ी गर्दिशसस्ते आयात से स्टील के दाम पर दबाव की आशंका, उद्योग के साथ महत्त्वपूर्ण बैठक करेगा इस्पात मंत्रालयपोर्टल पर हो नौकरियों का सटीक आंकड़ा, श्रम मंत्रालय से मजबूत तंत्र विकसित करने का आग्रहभारत बनेगा खिलौनों का ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब, ₹13000 करोड़ की योजना पर काम कर रही सरकार

सरकार ने तैयार की नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति, विदेशी EV फर्मों के लिए खुले द्वार

नई नीति अमल में आने के बाद Tesla, Vinfast, BYD, Kia, Skoda, BMW और Mercedes-Benz जैसी दुनिया की नामी कंपनियां भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को रफ्तार देंगी।

Last Updated- March 15, 2024 | 11:44 PM IST
Tesla 'चुप', अभी तक अपनी भारत की योजनाओं के बारे में नहीं बताया: अधिकारी, Tesla 'silent', hasn't told about its India plans yet: Officials

केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार ने आम चुनाव से ठीक पहले इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली वैश्विक कंपनियों के लिए द्वार खोल दिए हैं। सरकार ने एक नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति तैयार की है जिससे देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का विनिर्माण जोर पकड़ेगा। इस नीति के तहत सरकार ने ऐसे वाहन बनाने वाली कंपनियों के लिए आयात शुल्क मौजूदा 70 प्रतिशत से घटाकार 15 प्रतिशत कर दिया है।

नई नीति अमल में आने के बाद टेस्ला, विनफास्ट, बीवाईडी, किया, स्कोडा, बीएमडब्ल्यू और मर्सिडीज-बेंज जैसी दुनिया की नामी कंपनियां भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को रफ्तार देंगी। ईलॉन मस्क की कंपनी टेस्ला ने सरकार से शुल्क में छूट की मांग की थी और नई नीति उसी का नतीजा दिख रही है।

नई नीति के तहत विदेश में पूरी तरह तैयार (सीबीयू) ई-कार भारत में आयात की जा सकती है। ऐसी कारों पर 15 प्रतिशत आयात शुल्क लगेगा। वाणिज्य मंत्रालय ने नई नीति के बारे में जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘ई-वाहन क्षेत्र में दुनिया की नामी कंपनियों को भारत बुलाने के लिए यह नीति तैयार की गई है।’

फिलहाल 40,000 डॉलर से अधिक दाम वाली सीबीयू ई-कार पर 100 प्रतिशत और इससे कम कीमत वाली ई-कार पर 70 प्रतिशत आयात शुल्क लगता है। इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने अब जो नीति तैयार की है, उसके हिसाब से टेस्ला जैसी कंपनियों से सीबीयू ई-कार पर भी 15 प्रतिशत आयात शुल्क ही वसूला जाता है। टुकड़ों या पुर्जों की शक्ल में (सीकेडी) आने वाली कारों पर अभी इतना ही शुल्क लगता है। सीकेडी को देश में लाकर असेंबल किया जाता है। सरकार के आला अधिकारियों के साथ बैठकों में टेस्ला कर घटाने की मांग करती रही है।

भारी उद्योग मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार कंपनियां स्वयं उत्पादन करती हैं तो उनके उत्पादों पर कम आयात शुल्क लगेगा। लेकिन इन कंपनियों को देश में कम से कम 4,150 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा।

इस योजना में वे कंपनियां ही शामिल हो सकती हैं, जो तीन साल के भीतर अपने कारखाने लगाएंगी और पांचवें साल तक उनकी गाड़ियों में कम से कम 50 फीसदी स्थानीयकरण होना चाहिए यानी 50 फीसदी पुर्जे भारत से ही लिए होने चाहिए। योजना में शामिल होने के लिए आवेदक कंपनी या इससे संबद्ध उद्यम को वाहन निर्माण से कम से कम 10,000 करोड़ का राजस्व मिलता होना चाहिए।

नीति के मसौदे में कहा गया है, ‘इस योजना के अंतर्गत सरकार से मंजूरी मिलने के बाद शुरू के पांच साल तक 35,000 डॉलर कुल कीमत, बीमा और ढुलाई मूल्य वाली इलेक्ट्रिक कारें 15 प्रतिशत शुल्क के साथ आयात की जा सकती हैं।’

80 करोड़ डॉलर या उससे अधिक निवेश करने वाली कंपनी को 15 प्रतिशत शुल्क पर सालाना 40,000 तक इलेक्ट्रिक वाहन आयात करने दिए जाएंगे। हरेक कंपनी के लिए न्यूनतम आयात की सीमा तय होगी, जो उसकी निवेश से तय की जाएगी। योजना की अधिसूचना जारी होने के 120 दिनों के भीतर आवेदन मांगे जाएंगे।

First Published - March 15, 2024 | 11:32 PM IST

संबंधित पोस्ट