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EVs: 2024 में और फर्राटा भरेंगे इलेक्ट्रिक वाहन, ई-कारों का दिखेगा दमखम

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा का कहना है कि वर्ष 2024-25 में कुल भारतीय कार बाजार में इलेक्ट्रिक कारों की हिस्सेदारी बढ़कर 6 फीसदी हो सकती है।

Last Updated- February 25, 2024 | 11:17 PM IST
EV Sales

वाहन उद्योग में चर्चा जोरों पर है कि 2024 में इलेक्ट्रिक कारें फर्राटा भरने लगेंगी। यह दावा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि दिसंबर तक कम से कम सात नई इलेक्ट्रिक कारें पेश होने वाली हैं। उनमें से कुछ साल 2025 की पहली तिमाही तक बाजार में आ जाएंगी।

हालांकि भारत जैसे बड़े बाजार में जिस तरह हर दूसरे महीने किसी न किसी नामी कंपनी की दमदार कार बाजार में उतरती रहती है, उसे देखते हुए यह बहुत बड़ी संख्या नहीं है। मगर यह मत भूलिए कि 2023 में करीब एक दर्जन इलेक्ट्रिक गाड़ियां (ईवी) पेश की गई थीं और बाजार में अभी 35 इलेक्ट्रिक कारें और स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (एसयूवी) ही बिक रहे हैं।

बहरहाल कहा यह जा रहा है कि इस साल बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में आएंगे और पूरे बाजार में उनकी दमदार धमक होगी। सबसे बड़ी देसी कार कंपनी मारुति सुजूकी के खेमे से भी ऐसी ही आवाज आ रही है। मारुति अभी तक हाइब्रिड इंजन पर ही जो दे रही थी मगर अब उसकी नजर भी इलेक्ट्रिक वाहनों के मैदान पर टिक गई है।

मारुति बेशक इस बाजार में आए मगर उसकी पहली टक्कर टाटा मोटर्स से होगी, जो फिलहाल इलेक्ट्रिक कार बाजार की सबसे बड़ी कंपनी है। किआ मोटर्स, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा एवं दूसरी कंपनियां भी इलेक्ट्रिक कारों के साथ बाजार में दस्तक दे चुकी हैं, जो सस्ती ई-कारें उतारकर खरीदारों को अधिक से अधिक विकल्प देने की तैयारी कर रही हैं।

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा का कहना है कि वर्ष 2024-25 में कुल भारतीय कार बाजार में इलेक्ट्रिक कारों की हिस्सेदारी बढ़कर 6 फीसदी हो सकती है। यह साल 2022-23 की 1 फीसदी से बहुत अधिक है। इस दौरान कुल कार बाजार 39 लाख से बढ़कर 45 लाख वाहनों तक होने का अनुमान है।

2023 में देश में 1,12,365 हल्के इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन हुआ था और एसऐंडपी मोबिलिटी को 2024 में आंकड़ा 2,30,018 तक पहुंचने की उम्मीद है। यह 104 फीसदी की वृद्धि है और इससे ईवी की बाजार हिस्सेदारी भी साल 2023 के 2.1 फीसदी से दोगुनी होकर 4.1 फीसदी हो जाएगी। हल्के इलेक्ट्रिक वाहनों में यात्री वाहनों का वर्चस्व है और इसमें हल्के वाणिज्यिक वाहन भी शामिल हैं।

उद्योग का अनुमान है कि अगर केवल यात्री वाहनों की बात की जाए तो वृद्धि 135 फीसदी हो सकती है क्योंकि यात्री ईवी 2023 के 85,000 से बढ़कर इस साल 2 लाख वाहन तक पहुंच जाएंगे।

एसऐंडपी मोबिलिटी के एसोसिएट डायरेक्टर (लाइट व्हीकल प्रोडक्शन फोरकास्टिंग, भारतीय उपमहाद्वीप) गौरव वांगल ने कहा, ‘2024 महत्त्वपूर्ण वर्ष हो सकता है क्योंकि हमें उम्मीद है कि इस साल भारतीय बाजार में कई इलेक्ट्रिक वाहन पेश होंगे।’

किफायती गाड़ियां

इलेक्ट्रिक कारों को किफायती बनाने की दिशा में काम शुरू किया जा चुका है। टाटा मोटर्स ने फरवरी में ही अपने दो प्रमुख वाहनों नेक्सॉन ईवी और टियागो ईवी के दाम 1.20 लाख रुपये तक कम कर दिए। इससे पहले एमजी मोटर ने भी कॉमेट की कीमत 1.40 लाख रुपये और ग्लॉस्टर की कीमत 1.30 लाख रुपये तक कम कर दी थी।

टाटा मोटर्स ने कहा कि वह बैटरी की कीमतें घटने का फायदा ग्राहकों को दे रही है ताकि ईवी को और तेजी से अपनाया जाए। 2023 में लिथियम आयन बैटरी के दाम दुनिया भर में करीब 14 फीसदी घट गए। कच्चा माल सस्ता होने और उत्पादन क्षमता बढ़ने के बाद इस साल भी इसकी कीमतों में गिरावट आने की उम्मीद है।

अनुमान जताया जा रहा है कि इससे कार विनिर्माताओं के लिए 40 किलोवॉट आवर (केडब्ल्यूएच) क्षमता की बैटरी वाले वाहन पर 70,000 रुपये तक की बचत हो सकती है।

उद्योग के जानकारों का कहना है कि बैटरी सस्ती होने से जितनी बचत हुई है, उससे ज्यादा छूट दी जा रही है। इसका मतलब है कि कंपनियां मार्जन की बलि दे रही हैं ताकि अधिक संख्या में ईवी बिकें।

मगर टाटा मोटर्स के प्रवक्ता ने कहा, ‘बैटरी की कीमतें घटी हैं और आगे भी इनमें कमी आने के आसार हैं। इसलिए हमने सीधा फायदा ग्राहकों को देने का फैसला किया है। हमें लगता है कि इससे नेक्सॉन ईवी और टियागो ईवी के लिए बड़ी तादाद में ग्राहक लाए जा सकते हैं।’

2024 में मिलेगा दम

जनवरी में टाटा मोटर्स ने पंच का इलेक्ट्रिक मॉडल पेश कर साल 2024 की बेहतरीन शुरुआत की। इसकी कीमत 10 से 15 लाख रुपये के बीच है। कंपनी अगले साल मार्च तक चार ईवी बाजार में उतारना चाहती है और यह उनमें से पहली कार है।

मारुति सुजूकी भी अपना पहला इलेक्ट्रिक वाहन ईवीएक्स पेश करने की तैयारी में है। यह एसयूवी होगा।

मारुति सुजूकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा, ‘हमारी पहली इलेक्ट्रिक कार 2024 के अंत तक बाजार में आएगी। हमें उम्मीद है कि 12 महीने में इसकी 80-90 हजार यूनिट बिक जाएंगी। सुजूकी ने हमें यूरोप में वाहन बेचने और जापान में निर्यात करने को कहा है।’ उन्होंने कहा कि गुजरात में कारखाना बंदरगाह के पास होने से निर्यात में मदद मिलेगी। सुजूकी ने वित्त वर्ष 2031 तक अपने संयंत्रों में 5 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन बनाने की योजना तैयार की है।

वांगल ने कहा, ‘कई कार निर्माता निर्यात के लिए अपनी नीति को अंतिम रूप दे रहे है या निर्यात के ठेके ले चुके हैं। मारुति को ही लीजिए, जो वित्त वर्ष 2024 से निर्यात शुरू कर देगी।’

महिंद्रा ऐंड महिंद्रा साल 2027 तक अपने एसयूवी मॉडलों का 20 से 30 फीसदी हिस्सा इलेक्ट्रिक करना चाह रही है। एमऐंडएम के कार्यकारी निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी (वाहन एवं कृषि क्षेत्र) राजेश जेजुरिकर ने कहा, ‘हम तय योजना प चल रहे हैं और 2025 की शुरुआत में पांच में से हमारा पहला वाहन बाजार में आ जाएगा।’

किया मोटर्स इस साल ईवी9 पेश करने की योजना बना रही है। कंपनी के प्रबंध निदेशक ताए-जिन-पार्क ने कहा कि कंपनी 2025 में बड़े पैमाने पर ईवी भारत में ही बनाना शुरू कर देगी और हर साल नया वाहन पेश करेगी। कंपनी 2030 तक ईवी बाजार में 15 से 17 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने के लक्ष्य के साथ चल रही है।

स्थानीय मूल्यवर्द्धन

इलेक्ट्रिक कारों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना भी है, जो 3,000 करोड़ रुपये के पैकेज के साथ वित्त वर्ष 2025 से शुरू होगी। कई बड़ी कार कंपनियां इसकी पात्र हैं और पीएलआई से उन्हें लागत कम करने में मदद मिलेगी। कार कंपनियों की नजर में भारत से बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक कार निर्यात की जा सकती हैं।

टाटा मोटर्स, किया, एमऐंडएम, मारुति और पीसीए ऑटोमोबाइल्स को पीएलआई योजना के लिए मंजूरी भी मिल चुकी है। मगर पात्र होने के लिए उनके प्रत्येक मॉडल को पात्रता प्रमाण पत्र लेना होगा, जो तभी मिलेगा जब उनमें 50 फीसदी मूल्यवर्द्धन भारत में ही किया गया हो।

इस शर्त पर सरकार और कार बनाने वाली कंपनियों में मतभेद है, जिस कारण कंपनियों को वित्त वर्ष 2024 में अपने प्रोत्साहन का दावा करने में देरी हो रही है। उदाहरण के लिए टाटा के टियागो ईवी को यह प्रमाणपत्र मिल गया है मगर बाकी मॉडलों के लिए अर्जी पर अभी विचार ही किया जा रहा है।

बहरहाल कार बनाने वाली कंपनियां ईवी की राह में आ रही सबसे बड़ी बाधा का समाधान कर रही हैं। भार्गव ने कहा कि चार्जिंग की व्यवस्था बहुत कम होने के कारण लोग ईवी को धीमे अपना रहे हैं।

मारुति की पहली 60 केडब्ल्यूएच लिथियम आयन बैटरी वाली ईवी एक बार चार्ज होने पर 550 किलोमीटर तक दूरी तय करने का दावा कर रही है। टाटा मोटर्स भी 45 केडब्ल्यूएच बैटरी के साथ पंच उतार रही है, जो एक बार चार्ज होने पर 421 किलोमीटर तक सरपट दौड़ेगी। इस बैटरी पर 8 साल की वारंटी भी मिलेगी।

First Published - February 25, 2024 | 11:17 PM IST

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