पिछले छह-सात वर्षों में तेजी से विकसित हुए डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर से मजबूत आर्थिक दक्षता को बढ़ावा मिला है और देश की जीडीपी की संभावित मध्यावधि वृद्धि में इसका करीब 30-50 आधार अंक योगदान रहने का अनुमान है। आर्थिक समीक्षा में सभी योजनाओं और क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी इस्तेमाल पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
सरकार के आर्थिक अनुमान में कहा गया है कि भारत के सार्वजनिक डिजिटल ढांचे की परिपक्वता के सकारात्मक असर को पर्याप्त तौर पर नहीं समझा गया है। हाल के वर्षों में किए गए डिजिटलीकरण संबंधित सुधार मध्यावधि में भारत की आर्थिक वृद्धि के बेहद महत्वपूर्ण वाहकों में से एक साबित हो सकते हैं।
आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि दस्तावेजों को कागजरहित बनाने के प्रयासों से डिजिटलीकरण की राह मजबूत होगी। यह बदलाव वित्तीय अनुबंधों के भंडारण और कागजरहित बनाने के लिए प्लेटफॉर्म डिजिटल डॉक्यूमेंट एक्जीक्यूशन (डीडीई) विकसित होने से आसान हो सकता है।
नैशनल ई-गवर्नेंस सर्विसेज लिमिटेड (एनईएसएल) द्वारा तैयार यह प्लेटफॉर्म अनुबंधों के लिए पहचान की पुष्टि करने के साथ साथ इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर इस्तेमाल के जरिये डिजिटल क्रियान्वयन की अनुमति देता है। सरकार का मानना है कि सुरक्षित, कागजरहित और आसान अनुबंधों के साथ यह प्लेटफॉर्म देश में व्यवसाय करने की प्रक्रिया आसान बनाने में मददगार साबित होगा।
मंगलवार को जारी की गई आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि आधार, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई), डिजिलॉकर, और माईगॉव जैसे सार्वजनिक डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के इस्तेमाल पर लगातार ध्यान दिया गया है। अनुकूल जनसांख्यिकी, मध्य वर्ग के तेज विस्तार, और डिजिटल संबंधित लोकप्रियता ने पिछले दशक में इन प्लेटफॉर्मों के विकास में अहम योगदान दिया है।
समीक्षा में कहा गया है, ‘प्रौद्योगिकी के जरिये कल्याणकारी परिवर्तन, आधार और जेएएम से सरकार-नागरिक संपर्क की दिशा में बड़ा बदलाव आया है, 318 केंद्रीय योजनाओं और 720 से ज्यादा राज्य डीबीटी योजनाओं के जरिये प्रत्यक्ष लाभ स्थानांतरण (डीबीटी) की पहुंच आसान हुई, ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’के जरिये राशन कार्डों में आसानी से बदलाव को बढ़ावा मिला।’
कुल डिजिटल लेनदेन में यूपीआई की भागीदारी वित्त वर्ष 2022 में बढ़कर 52 प्रतिशत हो गई, जो वित्त वर्ष 2019 में 17 प्रतिशत थी। रियल-टाइम पेमेंट व्यवस्था से जुड़ने वाले बैंकों की संख्या दिसंबर 2017 के 35 से बढ़कर दिसंबर 2022 में 380 पर पहुंच गई।
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सरकार का मानना है कि कई डिजिटल इंडिया पहलों में व्यापक उपयोगकर्ता भागीदारी दर्ज की गई है। केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न ऑनलाइन योजनाओं तक पहुंच उपलब्ध कराने वाले यूनिफाइड मोबाइल ऐप्लीकेशन फॉर न्यू-एज गवर्नेंस (उमंग) पर 4.9 करोड़ पंजीकृत उपयोगकर्ता (16 जनवरी, 2023 तक) हैं।