त्योहारी सीजन के दौरान प्रमुख कार विनिर्माताओं की मांग में 10 से 15 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। उद्योग प्रतिनिधियों का कहना है कि ग्रामीण बाजार में बिक्री लगातार तेजी से बढ़ रही है और कुल बिक्री में उसकी हिस्सेदारी भी बढ़ी है। उन्होंने बताया कि पहली बार शहरी बाजारों के मुकाबले ग्रामीण बाजारों में खरीदारों की संख्या अधिक रही। इस साल का त्योहारी सीजन 16 अक्टूबर से चिंगम/ ओणम से शुरू हुआ और नवंबर के मध्य में भाई दूज के साथ खत्म हुआ।
हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (एचएमआईएल) ने इस बाबत पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया। लेकिन मारुति सुजूकी के कार्यकारी निदेशक (बिक्री एवं विपणन) शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि त्योहारी सीजन के दौरान उनकी कंपनी ने 2,33,000 कारों की डिलीवरी की जो पिछले साल के मुकाबले 10 से 11 फीसदी अधिक और पिछले 4 से 5 वर्षों में सर्वाधिक है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अटकी हुई मांग के कारण यह तेजी दिखी। उन्होंने कहा कि दिवाली के बाद काफी बुकिंग और पूछताछ हो रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि
दिसंबर के अंत तक यही स्थिति जारी रहेगी।
श्रीवास्तव ने कहा कि कुल बिक्री में ग्रामीण क्षेत्र का योगदान लगभग 40 फीसदी रहा। पिछले साल ग्रामीण बिक्री का योगदान 38.5 फीसदी रहा था। पहली बार के खरीदारों का योगदान ग्रामीण बाजार में 4 से 5 फीसदी बढ़कर 54 फीसदी हो गया, जबकि शहरी बाजारों में यह 47 से 48 फीसदी के आसपास था। जहां तक उत्पादों का संबंध है तो मारुति को अपने सस्ते हैचबैक मॉडलों में ग्राहकों का काफी आकर्षण दिख जबकि ग्रामीण बाजारों में एसयूवी के लिए ग्राहकों की रुचि कम रही। उन्होंने कहा कि कंपनी की एमपीवी (इको वैन) और छोटी कारों (ऑल्टो एवं वैगनआर) की ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी बिक्री हुई।
रेनो इंडिया के सूत्रों ने कहा कि कंपनी ने नवरात्रि सप्ताह में 5,000 से अधिक कारों की डिलिवरी की जबकि धनतेरस एवं दिवाली पर 3,000 से अधिक कारों की डिलीवरी की गई। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद बाजार खुलने पर ग्रामीण बाजार के योगदान का स्तर कोविड पूर्व स्तर के मुकाबले 50 फीसदी अधिक (कोविड से पहले करीब 19 फीसदी और कोविड के बाद 29 फीसदी) रहा। रेनो इंडिया किसानों एवं अन्य ग्रामीण खरीदारों के लिए विशेष योजनाएं लेकर आई जिसे काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। इन योजनाओं ने पहली बार के खरीदारों को आकर्षित किया और मांग को काफी हद तक रेनो क्विड एवं रेनो ट्राइबर से रफ्तार मिली।
श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले 7 से 8 वर्षों के दौरान ग्रामीण बिक्री बढ़ी है और इस वैश्विक महामारी के बाद भी उसकी रफ्तार जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि शहरी बाजारों में बिक्री की रफ्तार थोड़ी सुस्त पड़ सकती है क्योंकि लोगों आमदनी कम हो गई है।
ग्रामीण बिक्री को रफ्तार देने वाले प्रमुख कारकों में अच्छा मॉनसून, बेहतर रबी फसल और ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोनावायरस का अपेक्षाकृत कम प्रसार शामिल हैं।
