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तकनीकी क्रांति का असर: कारों के दाम अगले पांच साल में हो सकते हैं कम, कीमत में 4.5% तक गिरावट संभव

तकनीक में सुधार कच्चे माल की लागत में स्थिरता और नियामकीय दबाव में राहत से अगले पांच साल में कारों की कीमतों में मामूली गिरावट की उम्मीद जताई गई है।

Last Updated- July 07, 2025 | 10:10 PM IST
Cars
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

साल 2019 से तेजी से बढ़ने के बाद कार की कीमतों में अगले पांच साल के दौरान कमी आने की संभावना है। विनिर्माण और तकनीक में सुधार की बदौलत ऐसा होगा। विश्लेषकों ने यह अनुमान जताया है।

बाजार अनुसंधान कंपनी जैटो डायनेमिक्स के आंकड़ों के अनुसार साल 2019 और 2024 के बीच वाहनों की बिक्री के औसत दाम (एएसपी) में 41 प्रतिशत की वृद्धि (8.07 लाख रुपये से 11.64 लाख रुपये) हुई है। साल 2029 तक बिक्री के औसत दाम 14.72 लाख रुपये होने की संभावना है। साल 2019 से दामों में 5.6 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक दर से इजाफा हुआ है और साल 2026 से 2029 तक 4.5 प्रतिशत सीएजीआर की उम्मीद है।

साल 2029 तक बिक्री के औसत दाम 14.72 लाख रुपये होने की संभावना है। साल 2019 से दाम 5.6 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक दर से बढ़े हैं और साल 2026 से 2029 तक सीएजीआर 4.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। यदि साल 2019 और 2024 के बीच की अवधि पर विचार किया जाए तो सीएजीआर में मूल्य वृद्धि और भी अधिक हुई है जो जैटो के आंकड़ों के अनुसार 7.6 प्रतिशत है।

कच्चे माल की कीमतों में 15 से 25 प्रतिशत के वार्षिक उतार-चढ़ाव के साथ इनपुट लागत बढ़ने के कारण दाम में काफी इजाफा हुआ है। स्टील, एल्युमीनियम और तांबे की कीमतों से विनिर्माण लागत तय होती है। इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बैटरियों के लिए दुर्लभ खनिज तत्वों की कीमतों में आपूर्ति की कमी और मांग की वजह से 30 प्रतिशत से अधिक का उतार-चढ़ाव दिख रहा है।

जैटो डायनेमिक्स के अध्यक्ष रवि भाटिया ने कहा, ‘नियामकीय अनुपालन ने अनिवार्य सुरक्षा सुविधाओं (प्रति वाहन 15,000 रुपये से 25,000 रुपये के इजाफे के रूप में) के रूप में खासी लागत बढ़ा दी है। बीएस 6 उत्सर्जन मानक (8,000 रुपय से 15,000 रुपये), अनुमानित बीएस 7 और उन्नत सुरक्षा मानदंडों के साथ संभावित रूप से साल 2028 तक 20,000 से 30,000 रुपये (प्रति वाहन दामों के असर के रूप में) और बढ़ सकते हैं।’

एसयूवी (20 से 30 प्रतिशत अधिक दाम) और सुविधा-संपन्न कारों के लिए उपभोक्ताओं की पसंद ने भी कीमतों में वृद्धि में योगदान दिया है। आधुनिक चालक-सहायता, इन्फोटेनमेंट और कनेक्टिविटी सिस्टम की वाहन की लागत में 25,000 से 50,000 रुपये की हिस्सेदारी होती है, जिससे लक्जरी सुविधाएं उपभोक्ताओं की मानक अपेक्षाओं में बदल जाती हैं।

ह्युंडै मोटर इंडिया पांच साल के दौरान भारत में सनरूफ से लैस 11 लाख से अधिक वाहन बेच चुकी है और वह अपने 14 में से 12 मॉडल में यह सुविधा देती है। पिछले साल भारत में कंपनी की बिक्री में 52 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी सनरूफ सुविधा वाले वाहनों की थी। जनवरी से जून 2025 तक यह हिस्सेदारी 54 प्रतिशत तक पहुंच गई।

First Published - July 7, 2025 | 9:51 PM IST

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