त्योहारी मांग और नए मॉडलों के लॉन्च के बल पर यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री नवंबर 2020 में 4.17 फीसदी बढ़कर 2,91,001 वाहन हो गई। एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 2,79,365 वाहनों का रहा था। हालांकि महीने के दौरान दोपहिया वाहनों की बिक्री 21.40 फीसदी घटकर 14,13,378 वाहन रह गई जो एक साल पहले की समान अवधि में 17,98,201 वाहन रही थी।
महीने के दौरान वाहनों की कुल बिक्री 19.29 फीसदी घटकर 18,27,990 वाहन रह गई जबकि नवंबर 2019 में यह आंकड़ा 22,64,947 वाहनों का रहा था। सालाना आधार पर तुलना करने से पता चलता है कि वाहनों की खुदरा बिक्री पिछले साल के करीब 80 फीसदी के स्तर तक पहुंच चुकी है।
वाहनों की बिक्री को आर्थिक वृद्धि का एक प्रमुख पैमाना माना जाता है। नवंबर में वाहनों की बिक्री में लॉकडाउन खुलने के बाद सबसे अधिक सुधार दिखा और मासिक आधार पर 29.32 फीसदी वृद्धि की रफ्तार फिलहाल बरकरार रहने की उम्मीद है। जबकि सालाना आधार पर बिक्री में गिरावट जारी है। यात्री वाहन श्रेणी में नए लॉन्च किए गए मॉडलों और विशेष तौर पर कॉम्पैक्ट एसयूवी की अच्छी मांग बरकरार है। दोपहिया वाहन श्रेणी की मांग में पिछले महीने के मुकाबले तेजी दर्ज की गई लेकिन सालाना आधार पर उसमें गिरावट जारी है। दोपहिया वाहनों की बिक्री में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 21.40 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई जबकि त्योहारी अवधि के मुकाबले 6.31 फीसदी की कमी दिखी। अनलॉक-1 के बाद दोपहिया वाहनों की अटकी हुई मांग पहले ही दिख चुकी है।
वाहन उद्योग में दोपहिया एक ऐसी श्रेणी है जो काफी हद तक ग्राहक धारणा पर निर्भर होती है। इसके अलावा ग्रामीण मांग और शहरी युवा ग्राहकों का भी इस पर काफी प्रभाव होता है। मुख्य तौर पर शहरी ग्राहकों द्वारा संचालित 100 सीसी श्रेणी में कोई खास मांग नहीं दिखी क्योंकि लोग अब भी घर से काम कर रहे हैं और स्कूल, कॉलेज में ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है।
वाहन डीलरों के संगठन फाडा के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने कहा कि मौजूदा वैश्विक महामारी के प्रकोप के बीच 42 दिनों की त्योहारी अवधि के दौरान काफी आकर्षण दिखा। कुल मिलाकर बिक्री में गिरावट करीब 4.74 फीसदी रही जो उम्मीद से काफी कम है। छोटे मालवाहक वाणिज्यिक वाहनों की अच्छी मांग बरकरार है। दूरदराज के इलाकों तक परिवहन का दायरा बढऩे से इस श्रेणी में वाहनों की बिक्री को रफ्तार मिल रही है। जबकि बसों की मांग में नरमी जारी है।
