पूर्वी चीन सागर में विवादित द्वीप को लेकर चीन और जापान के बीच विवाद बढ़ने की संभावना है क्योंकि बीजिंग ने आज अपने मछुआरों को चीनी समुद्री निगरानी जहाजों की सुरक्षा में जलक्षेत्र में मछली पकड़ने की अनुमति दे दी।
सरकारी सीसीटीवी ने चीनी कृषि मंत्रालय के हवाले से बताया कि दियाओयू द्वीप के आस-पास चीन मछुआरे वर्षों से मछली पकड़ रहे हैं और उन्हें अपना काम जारी रखने का अधिकार है।
इस द्वीप को चीन दिआयोयू कहकर पुकारता है जबकि जापान उसे सेनकाकू कहता है। द्वीप जापानी तटरक्षकों की भारी सुरक्षा में है। उस द्वीप पर दोनों देश अपना-अपना दावा करते हैं।
दोनों देशों के बीच 2010 में उस वक्त बड़ा कूटनीतिक विवाद पैदा हो गया था जब जापान ने चीनी मछली पकड़ने वाले जहाज के कप्तान के खिलाफ मुकदमा चलाया था। हालांकि, हफ्तों के कूटनीतिक मोल-भाव के बाद उसे रिहा कर दिया गया था।
विवादित जलक्षेत्र में मछली पकड़ने की अनुमति देने का चीन ने हालिया कदम तब उठाया है जब उसने इलाके में गश्त लगाने के लिए छह समुद्री जहाजों को तैनात किया। ऐसा जापान द्वारा द्वीपों पर अपनी पकड़ सुनिश्चित करने के लिए उसे निजी मालिकों से खरीदने के बाद किया गया।
विश्लेषकों का कहना है कि चीन का कोई भी बड़ा मछली पकड़ने का अभियान चीन और जापानी समुद्री बेड़े के बीच टकराव को जन्म दे सकता है।
इस बीच, राज्य समुद्री प्रशासन :एसओए: ने दियाओयू द्वीप और उससे संबद्ध छोटे द्वीपों के बारे में कई भौगोलिक सूचनाओं को जारी किया है ताकि चीन की संप्रभुता पर पुन: पुष्टि कर सके। वहीं, चीनी निगरानी जहाजों ने जापानी तटरक्षकों को चुनौती देते हुए द्वीप के आस-पास के जलक्षेत्रों में गश्त शुरू दी।