गुवाहाटी में एक लड़की से सरेआम छेड़छाड़ मामले की जांच करके लौटी राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने इस पूरे प्रकरण में पुलिस के उदासीन और संदिग्ध रवैये पर सवाल उठाये हैं।
आयोग की टीम का कहना है कि कई बार फोन करके बुलाये जाने पर भी पुलिस क्षेत्राधिकार को लेकर उलझी रही और लगभग आधे घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंची। जिस जगह लड़की को प्रताडि़त किया गया वहां से एक किलोमीटर के दायरे मंे दो पुलिस थाने आते हैं।
जांच दल ने शनिवार को पीडि़त लड़की, पुलिस और अन्य संबंधित लोगों के बयान दर्ज किये थे और घटनास्थल का दौरा किया था। इस टीम में आयोग की सदस्य वानसुक सीएम, सामाजिक कार्यकर्ता अल्का लांबा और असम राज्य महिला आयोग की एक सदस्य शामिल थे।
इस बीच, 17 साल की पीडि़त लड़की की पहचान सार्वजनिक करने पर कांग्रेसी नेता अल्का लांबा को आयोग के जांच दल से हटा दिया गया।
इस टीम के आज यहां रिपोर्ट पेश करने की संभावना थी लेकिन अभी पूरी रिपोर्ट तैयार नहीं होने से अब इसे कल आयोग को सौंपा जा सकता है।
जांच दल की सदस्य के तौर पर हटाये जाने से पहले अल्का लांबा ने भाषा को बताया कि आरोपी लड़के पीडि़त लड़की के साथ सार्वजनिक स्थल पर छेड़छाड़ करते रहे लेकिन फोन किये जाने के बावजूद पुलिस आधे घंटे बाद वहां पहुंची।