25 जुलाई (भाषा) भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम (आईआरएसडीसी) ने गुजरात के सूरत और उधना स्टेशनों में बदलाव को पात्रता अनुरोध (आरएफक्यू) मांगा है। नोडल एजेंसी ने इसे ‘रेलपोलिस’ या मिनी स्मार्ट शहर का नाम दिया है जहां कोई रह सकता है
आईआरएसडीसी ने बयान में कहा कि इसका मकसद इन स्टेशनों का ‘एकीकृत रेलवे स्टेशन और उप-केंद्रीय वय्यवसाय केंद्र के रूप में विकास करना और ट्रांजिट आधारित विकास एवं स्मार्ट सिटी सिद्धान्तों के तहत स्टेशनों की संपदा और आसपास के क्षेत्रों में बदलाव लाना है।
बयान में कहा गया है कि नए सिरे से विकसित सूरत रेलवे स्टेशन में केंद्रीय कॉन्कोर्स तथा पैदल रास्ते का भी प्रावधान होगा। इससे यात्रियों को रेलवे प्लेटफॉर्म, राज्य और शहर के बस टर्मिनलों, प्रस्तावित मेट्रो रेल, पार्किंग तथा अन्य क्षेत्रों के लिए बाधारहित संपर्क उपलब्ध हो सकेगा।
इसी तरह उधना रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास बेहतर संपर्क के साथ किया जाएगा। साथ ही यहां से बाहर निकलने वाले यात्रियों के लिए कॉन्कोर्स बनाया जाएगा।
इन दोनों स्टेशनों के पुनर्विकास की लागत करीब 1,285 करोड़ रुपये बैठने का अनुमान है। रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास चार साल में पूरा होगा।
भाषा अजय अजय मनोहर