सरकार ने आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जय) के तहत कई बीमारियों के इलाज की दरों में 20 से 400 प्रतिशत के बीच वृद्धि की है। ऐसे में सरकार के इस कदम से निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहन मिल सकता है। कैंसर के इलाज सहित लगभग 400 प्रक्रियाओं की दरों में संशोधन किया गया है। इसके अलावा ब्लैक फंगस से जुड़ा एक नया अतिरिक्त इलाज प्रबंधन पैकेज भी जोड़ा गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि यह संशोधित स्वास्थ्य लाभ पैकेज नवंबर, 2021 से लागू होने की उम्मीद है। निजी अस्पतालों ने स्वास्थ्य मंत्रालय के सामने चिंता जताई थी कि स्वास्थ्य योजना के तहत इलाज की दरें व्यवहारिक नहीं हैं और इसी वजह से इस पहल में उनकी भागीदारी में बाधा आ रही हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि कैंसर के लिए संशोधित पैकेज से देश में लाभार्थियों के कैंसर इलाज में तेजी आएगी। उन्होंने कहा, 'मुझे यकीन है कि स्वास्थ्य लाभ पैकेज की तार्किक दरों की वजह से निजी अस्पतालों की भागीदारी में भी सुधार दिखेगा और इससे लाभार्थियों की जेब पर बोझ भी कम होगा।' चिकित्सा प्रबंधन प्रक्रियाओं के तहत, वेंटिलेटर वाले आईसीयू की दरों में 100 प्रतिशत, बिना वेंटिलेटर वाले आईसीयू की दरों में 136 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। उच्च निर्भरता वाले यूनिट के लिए दरों में 22 प्रतिशत जबकि नियमित वार्ड की कीमतों में 17 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि वर्तमान में स्वास्थ्य लाभ पैकेज (एचबीपी) के किसी भी पिछले संस्करण को लागू करने वाली राज्य स्वास्थ्य एजेंसियां, अब एचबीपी 2.2 के नवीनतम संस्करण पर अमल कर सकती हैं। आयुष्मान भारत पीएम-जय के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण पर है जिसकी अध्यक्षता आर एस शर्मा करते हैं। उन्होंने कहा कि अधिक बीमारियों को कवर करने के लिए नए पैकेज जोड़े गए हैं और योजना की शुरुआत के बाद से ही बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए पैकेज की नियमित दरों में संशोधन किया जा रहा है। शर्मा ने कहा, 'योजना को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए इन बदलावों की आवश्यकता है और लेन-देन प्रबंधन प्रणाली (टीएमएस) में इस पर अमल जरूर किया जाएगा ताकि पोर्टेबिलिटी में कोई चुनौती न हो।' फिलहाल, आयुष्मान भारत पीएम-जय में 1669 इलाज प्रक्रियाएं हैं, जिनमें से 1080 सर्जरी वाली, 588 मेडिकल और एक अज्ञात पैकेज है। इस योजना का उद्देश्य नागरिकों को सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज और मुफ्त एवं सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं देना है। आयुष्मान भारत, पीएम-जेएवाई की शुरुआत 2018 में 10.74 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों में से प्रत्येक परिवार को हर साल 5 लाख रुपये तक मुफ्त और कैशलेस स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए की गई थी। जनगणना-2011 डेटाबेस के अनुसार 53 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को इसका लाभ होगा।
