जुलाई महीने के दौरान वाहनों की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई क्योंकि यात्री वाहन उद्योग की मात्रात्मक बिक्री को ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों से दमदार ऑर्डर बुक और पूछताछ/बुकिंग में तेजी से बल मिला। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि की घोषणा से भी मांग को रफ्तार मिल सकती है। महीने के दौरान वाहनों की बिक्री को वृहत अर्थव्यवस्था के लिए एक प्रमुख संकेतक माना जाता है।
यात्री वाहन बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजूकी ने इस साल जुलाई में कुल 202,462 वाहनों की बिक्री की जबकि एक साल पहले की समान अवधि में कंपनी ने कुल 1,08,064 वाहनों की बिक्री की थी। इस प्रकार महीने के दौरान कंपनी की कुल बिक्री में 50 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।
महीने के दौरान कुल बिक्री में घरेलू बाजार में हुई 136,500 वाहनों की बिक्री के अलावा अन्य ओईएम को 4,738 वाहनों की बिक्री और 21,224 वाहनों का निर्यात शामिल हैं। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी ने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में लॉकडान के कारण पिछले महीने घरेलू बिक्री एक साल पहले की समान अवधि की रिकॉर्ड ऊंचाई के मुकाबले कमजोर रही। कंपनी ने कहा कि कोविड की दूसरी लहर के प्रभाव के कारण नरमी के बाद मांग में उल्लेखनीय तेजी दिख रही है। मारुति सुजूकी के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (बिक्री एवं विपणन) शशांक श्रीवास्तव ने कहा, ‘देश भर में तेजी से अनलॉकिंग होने के साथ ही हम काफी अच्छा सुधार दर्ज कर रहे हैं और जुलाई के लिए पूछताछ में हमने पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले करीब 85 फीसदी तेजी देखा है।’
दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता हुंडई ने बिक्री के आंकड़ों में सालाना आधार पर 45.9 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की। कंपनी का मानना है कि मौजूदा सुधार प्रक्रिया एक अच्छा संकेत हे। हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड के निदेशक (बिक्री, विपणन और सेवा) तरुण गर्ग ने कहा, ‘वृहद आर्थिक कारकों की मजबूती, अच्छे मॉनसून और उपभोक्ताओं में पर्सनल मोबिलिटी की तरफ रुझान बढऩे के साथ सकारात्मक वृद्घि की रफ्तार यात्री वाहन उद्योग में स्पष्ट रूप से दिखी है।’
घरेलू बाजार में नेक्सन, हैरियर और सफारी समेत विभिन्न मॉडलों की बिक्री करने वाली टाटा मोटर्स ने 54,119 वाहनों की बिक्री की, जो पूर्ववर्ती वर्ष के मुकाबले 19 प्रतिशत की वृद्घि है।
उद्योग के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें निकट भविष्य में उपभोक्ता मांग में किसी बड़ी गिरावट की आशंका नहीं दिख रही है, लेकिन वे सेमीकंडक्टर किल्लत या महामारी की तीसरी लहर की आशंका जैसी चुनौतियों को लेकर सतर्क बने हुए हैं। एमजी मोटर इंडिया के बिक्री निदेशक राकेश सिडाना ने कहा, ‘चिपों की गंभीर किल्लत कुछ और समय तक बरकरार रहने की आशंका है और इससे आपूर्ति संबंधित बाधा को बढ़ावा मिलेगा। जहां हमें कुल उपभोक्ता मांग में सुधार आने की संभावना है, वहीं हमें तीसरी लहर से पैदा होने वाले संभावित खतरों को लेकर भी सतर्क रहना चाहिए।’
इस सेक्टर पर नजर रख रहे विश्लेषकों का कहना है कि उन्हें दूसरी छमाही में वाहन बिक्री मजबूत रहने की संभावना है। मजबूत ऑर्डर बक और शहरी तथा ग्रामीण इलाकों में पूछताछ/बुकिंग में तेजी आने से यात्री वाहन उद्योग की बिक्री में सुधार की उम्मीद बढ़ी है। इसके अलावा, सरकारी कर्मियों के लिए पारिश्रमिक में सुधार से भी मांग को मजबूती मिल सकती है। एमके का कहना है कि दोपहिया वाहनों के लिए उद्योग की बिक्री तिमाही आधार पर बेहतर रहने की संभावना है, लेकिन 2019 के स्तरों के मुकाबले यह कमजोर रहेगी, क्योंकि कम आय वर्ग श्रेणियों के लिए मांग सुस्त है।