facebookmetapixel
Year Ender: भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए 2025 चुनौतियों और उम्मीदों का मिला-जुला साल रहानवंबर में औद्योगिक उत्पादन 25 महीने में सबसे तेज बढ़ा, विनिर्माण और खनन ने दिया बढ़ावाBPCL आंध्र प्रदेश रिफाइनरी में 30-40 फीसदी हिस्सेदारी विदेशी निवेशकों को बेचेगी, निवेश पर बातचीत शुरूकेंद्र ने रिलायंस और बीपी से KG-D6 गैस उत्पादन में कमी के लिए 30 अरब डॉलर हर्जाने की मांग कीRBI की रिपोर्ट में खुलासा: भारत का बैंकिंग क्षेत्र मजबूत, लेकिन पूंजी जुटाने में आएगी चुनौतीकोफोर्ज का नया सौदा निवेशकों के लिए कितना मददगार, ब्रोकरेज की रायें मिली-जुली2025 में निजी बैंकों में विदेशी निवेश की बढ़त, फेडरल और येस बैंक में भारी पूंजी आईGold-Silver Price: मुनाफावसूली से ​शिखर से लुढ़की चांदी, सोने के भाव में भी आई नरमीRBI ने माइक्रोफाइनैंस लोन पर बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए निगरानी बढ़ाने का दिया संकेतघरों की मांग और कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के चलते NCR के बाहर के डेवलपर बढ़ा रहे गुरुग्राम में अपनी पैठ

कमजोर मांग, चिप की किल्लत से दोपहिया सुस्त

Last Updated- December 11, 2022 | 8:57 PM IST

फरवरी में भारतीय दोपहिया बाजार पर दबाव बना रहा और रिकवरी के कोई संकेत नहीं मिले क्योंंकि पांच अग्रणी विनिर्माताओं की बिक्री फरवरी 2021 के मुकाबले एक चौथाई घट गई। बिक्री मेंं गिरावट की वजह कमजोर मांग रही और
कंपनियों ने डीलरों को कम दोपहिया भेजे।
बिक्री को सेमीकंडक्टर की जारी किल्लत का भी झटका लगा। टीवीएस ने एक बयान में कहा, सेमीकंडक्टर की आपूर्ति में कमी का उत्पादन और
प्रीमियम दोपहिया की बिक्री पर असर पड़ा।
बजाज ऑटो को सबसे ज्यादा झटका लगा और उसका वॉल्यूम सालाना आधार पर एक तिहाई घटकर 96,523 वाहन रह गया, जो कई महीनों का निचला स्तर है।
बाजार की अग्रणी कंपनी हीरो मोटोकॉर्प हालांकि आगे की राह को लेकर आशावादी बनी हुई है। कंपनी ने मंगलवार को एक बयान में कहा, कोविड के घटते मामले और अर्थव्यवस्था के धीरे-धीरे खुलने व अन्य सकारात्मक संकेतों और वित्त वर्ष 23 के आम बजट में घोषित कदमों को देखते हुए आगामी महीनों में बिक्री में सुधार की संभावना है।
हालांकि विश्लेषकों का नजरिया सतर्क है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने बुधवार को कहा, कच्चे तेल में उछाल के कारण पेट्रोल की कीमतों में होने वाली संभावित बढ़ोतरी से दुनिया के सबसे बड़े स्कूटर व दोपहिया बाजार में रिकवरी में देरी हो सकती है। एजेंसंी ने एक बयान में कहा, कॉरपोरेट व शिक्षण संस्थानों के खुलने और बजट में घोषित बुनियादी ढांचे पर खर्च व कृषि को लेकर पहल सकारात्मक कारण हैं, लेकिन भूराजनीतिक माहौल के कारण र्ईंधन व जिंस की कीमतों में बढ़ोतरी रिकवरी को लेकर अहम जोखिम बना हुआ है।

First Published - March 2, 2022 | 11:24 PM IST

संबंधित पोस्ट