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कोरोना की मार, वाहन पंजीकरण की सुस्त रफ्तार

Last Updated- December 12, 2022 | 3:48 AM IST

कोरोना की दूसरी लहर का प्रसार रोकने के लिए विभिन्न राज्यों द्वारा लगाए गए स्थानीय लॉकडाउन की वजह से मई में सभी तरह के वाहनों के पंजीकरण में भारी कमी आई है। वाहन डीलरों के संगठन फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के मासिक पंजीकरण (रिटेल) आंकड़ों के अनुसार पिछले महीने वाहनों की बिक्री अप्रैल की तुलना में तो कम थी ही, मई 2019 के मुकाबले भी बिक्री में कमी आई है। इन आंकड़ों की तुलना पिछले साल के मई महीने से नहीं की जासकती क्योंकि कोरोना की पहली लहर के दौरान 22 मार्च से 18 मई तक देश भर में लॉकडाउन था।
देशव्यापी लॉकडाउन के कारण डीलरशिप पर असर पड़ा था लेकिन दूसरी लहर में संक्रमण बहुत अधिक फैलने के कारण आम जनजीवन प्रभावित हुआ। इस कारण कई लोगों ने डीलरशिप से बात कर बुकिंग रद्द कराईं। फाडा के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने कहा, ‘हम खुशियां बेचते हैं और कार खरीदना जश्न का मौका होता है। लेकिन कोरोना की वजह से कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है। कई परिवारों में साल भर कोई उत्सव नहीं होगा।’
अप्रैल की तुलना में मई में वाहनों की कुल खुदरा बिक्री में 54.79 फीसदी की कमी आई, वहीं मई, 2019 की तुलना में बिक्री 70.69 फीसदी घटी है। पिछले साल अप्रैल और मई को छोड़ दें तो मई 2021 में वाहनों का पंजीकरण सबसे कम रहा है।
कोरोना संक्रमण के मामले कम होने और राज्यों द्वारा धीरे-धीरे पाबंदियां हटाए जाने से वाहन विक्रेताओं की बिक्री में सुधार देखा जा रहा है। फाडा ने कहा, ‘रुकी हुई मांग आने से जून के शुरुआती 9 दिन में उम्मीद से बेहतर बिक्री हुई। मांग ऐसी ही बनी रही तो जून में वाहनों की बिक्री 2919 के जून महीने के बराबर रह सकती है। ‘ हालांकि कुल मांग में सुधार धीमा रह सकता है क्योंकि ग्रामीण बाजार कोविड के बाद के असर से उबरने के लिए जूझ रहा है। ऐसे में तीव्र वृद्घि की संभावना कम ही है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले हफ्ते कहा था कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद के वृद्घि अनुमान में संशोधन किया जा सकता है। इससे भी बिक्री बढऩे की उम्मीद पर सवाल खड़े हुए हैं।
फाडा ने सभी वाहन विनिर्माताओं से राहत की अपील की है। वाहन विनिर्माताओं ने पिछले साल की तरह इस बार डीलरों के लिए वित्तीय राहत की घोषणा नहीं की है। गिने-चुने वाहन विनिर्माताओं (टाटा मोटर्स – वाणिज्यिक वाहन, रेनो, भारत बेंज और होंडा मोटरसाइकल ऐंड स्कूटर इंडिया) ने अपने चैनल पार्टनर्स और अन्य के लिए वित्तीय मदद का ऐलान किया है।
रिलायंस सिक्योरिटीज में शोध प्रमुख मितुल शाह के अनुसार खुदरा बिक्री और पंजीकरण कम होने से डीलरों के पास वाहनों का स्टॉक बढऩे का संकेत मिलता है क्योंकि मई में थोक आपूर्ति ज्यादा रही है। शाह ने कहा, ‘कोविड की दूसरी लहर और स्थानीय लॉकडाउन के कारण मई के पहले 15 दिनों में खुदरा बिक्री प्रभावित हुई है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नरमी के भी संकेत दिख रहे हैं। प्रमुख कलपुर्जों की आपूर्ति कम होने से यात्री वाहनों के उत्पादन पर भी असर पड़ा है।’ कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका से भी ग्राहक हाथ खींचकर चल रहे हैं। लेकिन आर्थिक परिदृश्य में अब थोड़ा सुधार होता दिख रहा है।  
उन्होंने उम्मीद जताई कि वित्त वर्ष 2022 की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था के साथ ही वाहनों की बिक्री में भी मजबूत सुधार आ सकती है। फाडा ने रिजर्व बैंक से वाहन डीलरों को ऋण मॉरेटोरियम देने और लॉकडाउन की अवधि के बराबर कर्ज पुनर्भुगतान में रियायत देने की मांग की है।

First Published - June 10, 2021 | 11:14 PM IST

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