facebookmetapixel
थाईलैंड जाने वाले सावधान! शराब पीना अब महंगा, नियम तोड़ा तो लगेगा 27,000 रुपये तक का जुर्मानाDelhi AQI Today: दिल्ली में जहरीली धुंध! AQI 400 पार, सांस लेना हुआ मुश्किल; GRAP 3 हो सकता है लागू!डिजिटल गोल्ड के झांसे से बचें! सेबी ने बताया, क्यों खतरे में है आपका पैसाकेंद्र सरकार ने चीनी निर्यात पर लगाई मुहर, मोलासेस टैक्स खत्म होने से चीनी मिलों को मिलेगी राहतCDSCO का दवा कंपनियों पर लगाम: रिवाइज्ड शेड्यूल एम के तहत शुरू होंगी जांचें; अब नहीं चलेगी लापरवाहीपूर्वोत्तर की शिक्षा में ₹21 हजार करोड़ का निवेश, असम को मिली कनकलता बरुआ यूनिवर्सिटी की सौगातकेंद्र सरकार ने लागू किया डीप सी फिशिंग का नया नियम, विदेशी जहाजों पर बैन से मछुआरों की बढ़ेगी आयCorporate Action Next Week: अगले हफ्ते शेयर बाजार में स्प्लिट-बोनस-डिविडेंड की बारिश, निवेशकों की चांदीBFSI फंड्स में निवेश से हो सकता है 11% से ज्यादा रिटर्न! जानें कैसे SIP से फायदा उठाएं900% का तगड़ा डिविडेंड! फॉर्मिंग सेक्टर से जुड़ी कंपनी का निवेशकों को तोहफा, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्ते

वाहन कंपनियों का मुनाफा रह सकता है स्थिर

Last Updated- December 07, 2022 | 12:40 PM IST

बढ़ती उत्पादन लागत और कच्चे पदार्थों की बढ़ रही कीमतों की मार वाहन क्षेत्र पर भी पड़ रही है। जून में समाप्त हुई तिमाही में बढ़ते उत्पादन खर्च की वजह से वाहन उद्योग के मुनाफे में बढ़ोतरी स्थिर रह सकती है।


कच्चे माल के कुल खर्च में इस्पात की हिस्सेदारी 40 फीसदी है जिसमें इस तीन महीने की अवधि के दौरान 25 फीसदी से भी अधिक का इजाफा हुआ है। एल्युमिनियम, तांबा और रबर जैसे कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी लगातार जारी है। रुपये के कमजोर होने से विदेशी मुद्रा में नुकसान के कारण भी ऑटोमोबाइल कंपनियों के लाभ पर प्रतिकूल असर देखने को मिल सकता है।

उत्पादकता में सुधार और खर्च कम करने की कवायद के कारण वाहन कंपनियों का मुनाफा बरकरार रह सकता है। लेकिन जून की तिमाही में राजस्व बढ़ोतरी का एक और प्रमुख कारण माना जा रहा है। यह कारण है गुडीपड़वा, बैसाखी और अक्षय तृतीया जैसे त्यौहारों से पहले ग्राहकों का वाहनों की खरीदारी करना। इसके अलावा शादियों का मौसम भी इस तिमाही पर सकारात्मक असर डालने में मददगार साबित हो सकता है। इस तिमाही में कारों की बिक्री में 15 फीसदी का इजाफा और दोपहिया वाहनों में 7 फीसदी का इजाफा हुआ जो पूर्ववर्ती तिमाही की 9 फीसदी की बढ़ोतरी की तुलना में अधिक है।

मारुति सुजुकी, हुंडई और टाटा मोटर्स ने अपने वाहनों की कीमतों में 2-3 फीसदी का इजाफा किया। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी का कहना है कि एक साल पहले के 499 करोड़ रुपये की तुलना में उसका मुनाफा 3 फीसदी की बढ़त के साथ 513 करोड़ रुपये रहा है।

कंपनी के मुताबिक खर्च में कमी किए जाने और उत्पादकता में सुधार लाए जाने की वजह से कंपनी को मुनाफा बढ़ाने में मदद मिली। मोतीलाल ओसवाल से जुड़े विश्लेषक अमित कासत की ओर से तैयार की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, ‘ग्राहकों के लिए डिस्काउंट, कई नए ऑफरों और बढ़ती इस्पात कीमतों की वजह से मार्जिन में 170 बेसिस प्वाइंट तक की कमी होने की आशंका है।’

First Published - July 21, 2008 | 1:48 AM IST

संबंधित पोस्ट