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चिप संकट दूर होने पर बढ़ेगा उत्पादन

Last Updated- December 11, 2022 | 9:11 PM IST

यात्री वाहन बनाने वाली कंपनियां सेमीकंडक्टर यानी चिप किल्लत दूर होने के साथ ही चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में उत्पादन बढ़ाने की त्यारी कर रही हैं। विश्लेषकों और आपूर्तिकर्ताओं के अनुमानों के अनुसार, यदि कंपनियां अपनी योजनाओं पर अमल करती हैं तो उत्पादन कोविड-पूर्व यानी वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही के स्तर को पार कर सकता है। 
सभी प्रमुख यात्री वाहन विनिर्माताओं को आपूर्ति करने वाली एक वाहन कलपुर्जा कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘सभी वाहन विनिर्माण पूरी जोर लगा रहे हैं लेकिन तब भी उत्पादन इष्टïतम नहीं होगा और उसमें 10 से 15 फीसदी की कमी रहेगी।’

कार बाजार की अग्रणी कंपनी मारुति सुजूकी चौथी तिमाही में 4.90 लाख वाहनों के उत्पादन की योजना बना रही है जबकि तीसरी तिमाही में उसने करीब 4.32 लाख वाहनों का उत्पादन किया था। कंपनी के कार्यकारी निदेशक (कॉरपोरेट मामले) राहुल भारती ने कहा, ‘इलेक्ट्रॉनिक्स की आपूर्ति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। कंपनी इस वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में उत्पादन बढऩे की उम्मीद कर रही है। वॉल्यूम तीसरी तिमाही के मुकाबले अधिक लेकिन पूरी क्षमता से कम रहेगा।’
टाटा मोटर्स चौथी तिमाही के दौरान 1.20 लाख से अधिक कारों का उत्पादन कर सकती है जबकि तीसरी तिमाही के दौरान उसने करीब 99 हजार कारों का उत्पादन किया था। इस मामले से अवगत एक व्यक्ति ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘तिमाही के दौरान कंपनी का उत्पादन कोविड-पूर्व स्तर के पार पहुंच सकता है।’ 

टाटा मोटर्स ने इस बाबत जानकारी के लिए भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया।
वॉल्यूम के लिहाज से दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी हुंडई सेमीकंडक्टर की सोर्सिंग के लिए लगातार संघर्ष कर रही है और वह अपने उत्पादन को अधिक रफ्तार नहीं दे पाई है। यह टाटा मोटर्स के लिए फायदेमंद साबित होगा और वह हुंडई की कमी को पूरी करने की कोशिश करेगी।

हुंडई का प्रवक्ता भी इस मुद्दे पर टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हो सके।
बिक्री अनुमान जाहिर करने वाली बाजार अनुसंधान फर्म आईएचएस मार्किट के निदेशक पुनीत गुप्ता ने कहा, ‘हालिया लॉन्च और उत्पादन योजना को देखते हुए हम उम्मीद करते हैं कि चौथी तिमाही के दौरान यात्री वाहन विनिर्माताओं के उत्पादन में तीसरी तिमाही के मुकाबले कम से कम 20 फीसदी की वृद्धि होगी।’ उन्होंने कहा कि उत्पादन की मात्रा संभवत: कोविड-पूर्व स्तर को पार कर जाएगी लेकिन चिप किल्लत के कारण अगली तीन-चार तिमाहियों के दौरान नुकसान जारी रहेगा।

यात्री वाहन बनाने वाली चौथी सबसे बड़ी कंपनी किया मोटर्स भी अगली तीन तिमाहियों के दौरान पूरी जोर लगाने की योजना बना रही है। वह अपने कारखाने में तीसरी पारी शुरू करने की तैयारी कर रही है ताकि उत्पादन में एक तिहाई बढ़ोतरी की जा सके। कंपनी की योजनाओं से अवगत एक व्यक्ति ने कहा कि कंपनी हर महीने औसतन करीब 16 हजार वाहनों का उत्पादन करती है जिसमें करीब 20 फीसदी बढ़ोतरी करने की योजना है।
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ने मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए कई उपाय किए हैं। कंपनी के सीईओ (ऑटोमोटिव डिवीजन) विजय नाकरा ने वित्तीय नतीजे के बाद संवाददाताओं से बातचीत में यह बात कही। कंपनी ने नई आईसी (एकीकृत सर्किट अथवा चिप) सोर्स की पहचान की है ताकि विभिन्न उत्पादों में उसका इस्तेमाल किया जा सके। कंपनी खुले बाजार से भी आईसी की सोर्सिंग कर रही है ताकि रिजर्व स्टॉक तैयार किया जा सके।

First Published - February 19, 2022 | 12:12 AM IST

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